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जानिए क्यों मनाया जाता है Halloween Day और इस दिन लोग क्यों करते हैं डरावना मेकअप

हेलोवीन पश्चिमी देशों में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। खासकर हेलोवीन दिवस क्रिश्चन का एक त्योहार है जोकि अक्टूबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है।

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नई दिल्ली: हेलोवीन पश्चिमी देशों में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्यौहार है। खासकर हेलोवीन दिवस क्रिश्चन का एक त्योहार है जोकि अक्टूबर के आखिरी रविवार को मनाया जाता है। यह त्योहार को ज्यादातर अमेरिका, इंग्लैंड व यूरोपीय देशों के लोग मनाते हैं लेकिन इस त्योहार की शुरुआत आयरलैंड एंड स्कॉटलैंड से हुई है।

इस त्यौहार के लिए सभी अपने-अपने अंदाज़ में तैयारियां करते हैं। बच्चों के लिए ये पड़ौसी और रिश्तेदारों से चॉकलेट्स लेने का दिन है, वहीं बड़े इस दिन अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति की प्रार्थना करते हैं।

आमतौर पर लोग त्यौहार पर खूबसूरत कपड़ों में सजते हैं लेकिन ये त्यौहार कुछ अलग है। इस दिन लोग चला कर डरावना रूप बनाते हैं। आत्माओं और भूतों की तरह मेकअप किया जाता है। कपड़े भी इसी थीम के अनुसार चुने जाते हैं।

Halloween day

कैसे हुआ शुरू
यूरोप में सैल्टिक जाति के लोग मानते थे कि इस समय मृत लोगों की आत्माएं आकर संसारिक प्राणियों से साक्षात्कार करती हैं। वे सोचते थे कि उनके पुरखों की आत्मा धरती पर आएगी ,जिससे उनका फसल काटना आसान हो जाएगा।

इसीलिए वे चुड़ेलें बनते और जानवरों के मौखटे, उनकी चमड़ी, उनके सिर पहनकर अलाव के आसपास नाचते -गाते थे। वे मानते थे कि कोई विशिष्ट सर्वोच्च प्राकृतिक शक्ति है। इसे ‘All Saints-Day’-All Hallows (holy)  या  Hallows Eve  मानते थे , जो धीरे- धीरे Halloween बन गया।

Halloween day

अमेरिका मे तो इसे कद्दू की खेती की कटाई के साथ भी जोड़ा जाता है। इस समय कद्दू बहुतायत में व बड़े- बड़े मिलते हैं, जिन्हें आसानी से काटा भी जा सकता है। सामने की तरफ इस पर डरावने तरीके से मुंह काटकर, बीच में जलती हुई मोमबत्ती रख देते हैं। जिन्हें पुरानी सदी की याद में रात को अँधेरे में घर की चौखट पर रखते हैं।  इसे Jack-O-lanterns कहते हैं।

लालटेन जलाने के पीछे का किस्सा
हैलोवीन डे पर लालटेन जलाना एक लोकप्रिय परंपरा है। इसके पीछे कंजूस जैक और शैतान की आयरिश लोककथा मानी जाती है। आयरलैंड में जन्मे कंजूस शराबी जैक ने अपने एक शैतान दोस्त को घर में शराब पीने के लिए लाया, लेकिन वो नहीं चाहता था कि अपना पैसा खर्च करे। उसने अपने दोस्त को शराब के बदले घर में लगा कद्दू यानी पंपकिन देने के लिए राजी किया। बाद में वह अपनी बात से मुकर गया। उसके दोस्त ने गुस्से में पंपकिन की डरावनी लालटेन बनाकर घर के बाहर पेड़ पर टांग दिया, जिस पर उसके मुंह की नक्काशी की और जलते कोयले डाल दिए। तब से दूसरे लोगों के लिए सबक के तौर पर इस दिन जैक-ओ-लालटेन का चलन शुरू हो गया। यह उनके पूर्वजों की आत्माओं को रास्ता दिखाने और बुरी आत्माओं से रक्षा करने का प्रतीक है।

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