ऐसे करें मां कालरात्रि का पूजा
नवरात्र का सातवें दिन भी पिछलें देवीयों की पूजा की तरह ही किया जाता है, लेकिन इनकी पूजा रात के समय करने का विशेष विधान है। इस दिन कहीं-कहीं पर जब मां कालरात्रि की पूजा तांत्रिक विधि से की जाती है। नवरात्रों के सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। देवी का यह रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है।
सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक आधी रात में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं तथा इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। पूजा करने के बाद इस मंत्र से मां को ध्यान करना चाहिए-
एक वेधी जपाकर्णपूरा नग्ना खरास्थिता।
लम्बोष्ठी कर्णिकाकणी तैलाभ्यक्तशरीरिणी।।
वामपदोल्लसल्लोहलताकण्टक भूषणा।
वर्धनमूर्धध्वजा कृष्णा कालरात्रिर्भयंकरी।।
इसके बाद इनकी पूजा पूरी हो जाने के बाद शिव और ब्रह्मा जी की पूजा अवश्य करनी चाहिए। फिर आरती कर प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
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