नई दिल्ली: 8 मार्च यानी कि International Women's Day के दिन पूरी दुनिया में महिलाओं के शिक्षा, योगदान, देश के लिए समर्पण और सशक्तिकरण की बात कर सम्मान दिया जाता है। इसी बीच एक ऐसी रिपोर्ट सामने आई है। जिसमें यह बात सामने आई कि कॉर्पोरेट जगत में काम करने वाली महिलाओ्ं की सैलरी पुरुषों के बराबर होने में कम से कम 150 साल लग जाएंगे। जो कि बहुत ही हैरान करने वाली बात है। जहां पर महिलाओं को पुरुषों के बराबर दर्जा दिया जाता है। वहां पर इतने साल महिलाओं को पुरुषों की बराबरी करने में लग जाएंगे।
कॉर्पोरेट जगत भी इस मौके पर महिलाओं के इस क्षेत्र में योगदान को लेकर काफी उत्साहित है लेकिन काम को लेकर महिला और पुरुष के बीच भेदभाव इसी क्षेत्र में है, यह कहना शायद गलत नहीं होगा।
एक ग्लोबल सर्वे ने अपनी रिपोर्ट में यह दावा किया है कि महिला और पुरुष के बीच काम के भुगतान का फर्क खत्म होने में लगभग 150 साल लगेंगे। यानि कॉर्पोरेट जगत में महिलाओं को पुरुषों के बराबर सैलरी पाने के लिए भविष्य में साल 2168 तक इंतजार करना पड़ेगा।
लिंग के आधार पर भुगतान की गहरी खाई की बात करें, तो भारत इस मामले में दूसरे नंबर है। सर्वे के मुताबिक भारत में पुरुष किसी महिला के मुकाबले 67% ज्यादा भुगतान पाने हैं। वहीं जापान इस मामले में पहले नंबर पर है।
इस रिपोर्ट का दावा है कि यह फर्क 2030 तक 57% तक होगा। इसके अलावा कोई पुरुष एवरेज $140 तो उसके मुकाबले में महिला $100 कमाती है। वहीं भारत में यह फर्क थोड़ा चिंताजनक है। भारत में कोई एवरेज आदमी $167 तक कमाता है तो महिला $100 तक कमाती है। वहीं भुगतान में बड़ा फर्क होने की वजह महिलाओं की नौकरी के क्षेत्र में कम हिस्सेदारी भी है। रिपोर्ट के मुताबिक 93% पुरुषों की तुलना में सिर्फ 31% महिलाएं ही काम करती हैं।
वहीं एक्सेंचर गेटिंग इक्वल रिपोर्ट 2017 के मुताबिक सांस्कृतिक और सामाजिक मुद्दे भी भुगतान में फर्क लाने के लिए भी काफी हद तक जिम्मेदार है। आज दुनियाभर में महिला दिवस मनाया जा रहा है लेकिन इस रिपोर्ट ने भारत में कामगार महिलाओं की स्थिति को लेकर हैरान करने वाली जानकारी दी है।
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