नई दिल्ली: आज का समय फैशन का समय है। हर कोई खूबसूरत दिखना चाहता है। समाज में महिलाओं की खूबसूरती कुछ एक पैमाने तय किए गए है। जिसके अंदर की महिलाओं को नापा जाता है। जैसे कि खूबसूरत महिलाएं वहीं होती है जिनका रंग गोरा होता है। वहीं दूसरा पैमाना है कि वह महिला सुंदर होती है। जिसकी बॉडी में टैटू बना हो।
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किसी भी महिला की जितनी चिकनी टांगे, साफ अंडरआर्म्स हो। तभी वह महिला सुंदर मानी जाती है। आज के समाज में अगर किसी महिला के चेहरे में बाल है या फिर अपर लिप में बाल है, तो उसे मूंछे कहा जाता है। महिलाओं के बाल सिर्प उनके सिर पर होना चाहिए। तभी वह खूबसूरत मानी जाती है।
ऐसी बहुत ही कम महिलाएं होता है। जिन्हें समाज में बिना वेक्सिन और शेविंग को उनकी च्वाइंस माना जाता है। जिसमें किसी को कोई फर्क नहीं पड़ता है। आज के समय में बहुत कम महिलाएं होगी जो बिना वेक्सिन के रहती होगी। आपने कभी सोचा है कि इसकी शुरुआत कैसे हुई। तो हम आपतको बता दे कि Waxing और Shaving का बहुत ही दिलचस्प इतिहास है। जिसके बारें में आप सोच भी न सकते है।
आपको बता दें कि वेक्सिन और शेविंग करना अभी से शुरु नहीं हुआ बल्कि सदियों से चला आ रहा है। पहले कि बात करें तो शेविंग कराने का एक कारण था कि युद्ध के समय आपका दुश्मन न पहचान पाएं। जिसके कारण शेविंग का सहारा लिया जाता था। जानिए ऐसे ही कुछ और दिलचस्प बातों के बारें में।
मिस्त्र के लोग सुंदर दिखने के लिए करते थे ये काम
मिस्त्र की बात करें, तो वहां के लोग समानता पर बहुत अधिक विश्वास करते थे। उनकी सुंदरता का एक ही पैमाना था वो था बिना बाल का शरीर। तब के लोग भी अपनी आईब्रो शेव नहीं करते थे। इसके अलावा वह बालों को साफ करने के लिए कई तकनीक विकसित की। वह लोग इसके लिए वैक्स और रेजर का इस्तेमाल करते थे।
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