इस दिन कौवो को आमंत्रित करके उन्हें भी श्राद्ध का भोजन कराए, क्योंकि हिंदू पुराण में कौए को देवपुत्र कहा गया है। इसके पीछें पौराणिक कथा है। इके अनुसार सबसे पहले इंद्र के पुत्र जयंत कौए का रूप धारण किया था। त्रेता युग की घटना के अनुसार जयंत ने कौए का रूप धारण कर माता सीता को घायल कर दिया था। तब भगवान राम ने तिनके से ब्रह्मास्त्र चलाकर जयंत की आंख फोड़ दर था जयंत ने क्षमा मांगी तब राम ने वरदान दिया की कि तुम्हें अर्पित किया गया भोजन पितरों को मिलेगा। हिन्दू परंपरा को मानने वाले लोग भारत के इलावा विदेशों में कहीं हो वे अपने पूर्वजों को याद करने के लिए पितृ पक्ष को जरूर मनाते हैं। श्राद्ध पक्ष के अंतिम दिन सोमवती अमावस्या है।
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