सिर्फ अपनी तारीफ करना और सुनना
रावण की एक बहुत ही बुरी आदत थी कि वह अपने आगे किसी की भी तारीफ नही सुन सकता था। अगर कोई ऐसा करता तो उसे दंड देता था। वह सिर्फ आपनी तारीफ सुनना पसंद करता था। अगर किसी ने उसकी गलतियां बचाए तो उस पर बहुत ज्यादा क्रोधित होता था। इसी कारण उसने अपने भाई विभीषण, मंत्री शंकु और नाना माल्यवंत को अपने से दूर कर दिया था। जिसके कारण आगे चलकर यही उसकी मृत्यु का कारण बना। इसीलिए हमें अपने अंदर बुराइयों को ढूढ़ना चाहिए। अगर कोई हमारी गलती बताएं तो उसे सुनना चाहिए और सही करनी चाहिए। न कि उसके ऊपर क्रोधित होना चाहिए।
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