नई दिल्ली: सावन के महीने में सोमवार व्रत का बहुत महत्त्व है। जो व्यक्ति साल भर सोमवार के व्रत नहीं रखते हैं, वह भी सावन के महीने में सोमवार के व्रत बड़ी श्रद्धा से रखते हैं। ऐसा कहा जाता है कि सावन के सोमवार के व्रत रखने से साल भर के सोमवार का फल मिलता है। लोग तरह-तरह से अपनी श्रद्धानुसार फूल,फल,वेलपत्री,चन्दन आदि से शिवलिंग पर चढ़ाकर भगवन शिव की पूजा करते हैं। इससे खुश होकर भगवन शिव अपने भक्तों का उद्धार करते हैं। इसलिए सभी भक्त सावन में सोमवार का व्रत रखकर भगवन शिव की कृपा अवश्य प्राप्त करें।
इस वर्ष सावन के सोमवार भक्तों के लिए विशेष योग लेकर आए हैं। ऐसा ज्ञात होता है कि इस बार भगवन शिव अपने इष्ट मित्रों एवं अपने परिवार के साथ भक्तों को आशीर्वाद प्रदान करने पधारे हैं। इस वर्ष सावन में चार सोमवार के महीने में चार सोमवार हैं। जिसमें पहला सोमवार गणपति के साथ 3 अगस्त, जो चौथी तिथि कृष्ण पक्ष है, कि गणेश चतुर्थी व्रत के साथ आई थी।
दूसरा सोमवार 10 अगस्त एकादशी तिथि , जो कि कंद एकादशी के नाम से जानी जाती है। एकादशी व्रत में भगवन विष्णु के साथ पूजन का विधान होता है। जो भगवान शिव के इष्ट भी हैं, सखा भी हैं, और बाबा भी खा जाता है। तो इस दिन भगवान् शिव भगवान् विष्णु के साथ भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए पधारेंगे। इस सोमवार भगवान् शिव पर जो भक्त काले तिल,दूध,वेलपत्रि,चन्दन,पुष्प, शहद आदि से पूजन करता है भोलेनाथ उसे मनवांछित फल प्रदान करेंगे। भक्त इस सोमवार को अक्षत में चावल अथवा भोग की खीर में भी चावल का प्रयोग ना करें।
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