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Hindi News लाइफस्टाइल फैशन और सौंदर्य क्या ऑनलाइन शॉपिंग में आपकी जेब तो नहीं काटी जा रही?

क्या ऑनलाइन शॉपिंग में आपकी जेब तो नहीं काटी जा रही?

क्या आपने कभी सोचा है कि जो सामान आप ऑनलाइन ज्यादा पैसे देकर खरीदते हैं, वही सामान आपको अपने पास की दुकानों से सस्ते दामों पर मिल सकता है। 'प्राइस मैप' नामक एप के पास आपके दिमाग में अक्सर उमड़ने-घुमड़ने वाले इन सारे सवालों का जवाब है।

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नई दिल्ली: क्या आपने कभी सोचा है कि जो सामान आप ऑनलाइन ज्यादा पैसे देकर खरीदते हैं, वही सामान आपको अपने पास की दुकानों से सस्ते दामों पर मिल सकता है। 'प्राइस मैप' नामक एप के पास आपके दिमाग में अक्सर उमड़ने-घुमड़ने वाले इन सारे सवालों का जवाब है।

आप प्राइस मैप के एप से किसी सामान की ऑनलाइन कीमत की तुलना अपने शहर की दुकानों में मिल रहे उसी आइटम की कीमत से कर सकते हैं। प्राइस मैप के संस्थापक सुरेश काबरा को तरह-तरह के आइट ऑनलाइन खरीदने का शौक था। एक दिन वह दिल्ली के पंचकुंइया मार्केट में घूम रहे थे।

वहां वह यह देखकर हैरान रह गए कि जिस लैपटॉप की टेबल को उन्होंने ऑनलाइन जितनी कीमत में खरीदा है, उसी कंपनी की वही टेबल 30 फीसदी कम दाम पर बाजार में उपलब्ध है। इस घटना से उनके दिमाग में बिजनेस का एक नया आइडिया आया और यहीं से प्राइसमैप का जन्म हुआ।

दिल्ली-एनसीआर में यह एप काफी लोकप्रिय हो चुका है। इस स्टार्टअप की टीम में 16 सदस्य हैं, जिनमें प्राइस मैप के सह संस्थापक शिशिर दुबे भी शामिल हैं। दुबे ने बताया कि प्राइस मैप दरअसल एक मोबाइल एप है, जो उपभोक्ताओं को ऑनलाइन खरीदे जाने वाले उत्पाद की कीमत की तुलना उनके शहर के स्थानीय बाजारों में मिल रहे उसी उत्पाद की कीमत से करवा सकती है। इससे उन्हें काफी आसानी से पता चल सकता है कि क्या उन्हें वाकई ऑनलाइन शॉपिंग में सस्ता सामान मिल रहा है या दुकानों पर वह सामान ऑनलाइन से भी ज्यादा सस्ता है।

जून 2016 में लांच किए गए प्राइसमैप नामक एप पर विभिन्न वस्तुओं के कई विक्रेता रजिस्टर्ड हैं। इनमें मोबाइल, घरेलू सामान, होम ऑडियो विडियो, डिजिटल कैमरे व अन्य सामान के विक्रेता शामिल हैं। 

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