नई दिल्ली: वैलेंटाइन वीक इन दिनों पूरे शबाब में है। हो भी क्यों न आखिर इस दिन का इंतजार हर प्यार करने वाले को होता है। इन दिनों में सबसे ज्यादा परेशानी होती है। अकेले लोगों को। जिनका कोई वैलेंटाइन नहीं होता है। वह इसके लिए वह एप्स का सहारा ले रहे है।
देश-दुनिया में ‘वैलेंटाइन डे’ की तैयारियों के बीच उद्योग मण्डल ‘एसोचैम‘ के ताजा सर्वे के मुताबिक अब बड़े शहरों के अविवाहित युवा अपने दिलबर की तलाश के लिये मोबाइल डेटिंग एप्लीकेशन और सोशल मीडिया का सहारा ले रहे हैं।
एसोचैम की सोशल मीडिया शाखा ने एक जनवरी से 10 फरवरी के बीच देश के 10 बड़े नगरों मुम्बई, कोलकाता, दिल्ली-एनसीआर, लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलूरू, चंडीगढ़, चेन्नई, हैदराबाद और इंदौर में 20 से 30 वर्ष आयु के 1500 लोगों के बीच सर्वे किया। इनमें से 55 प्रतिशत लोगों ने माना कि उन्होंने डेटिंग, अर्थपूर्ण रिश्ते बढ़ाने और परम्परागत रवायतों से बाहर निकलकर सम्पर्क बढ़ाने के लिये डेटिंग ऐप्स का इस्तेमाल किया है।
एसोचैम के राष्ट्रीय महासचिव डी. एस. रावत ने सर्वे का जिक्र करते हुए कहा कि हम तेजी से बदलते दौर से गुजर रहे हैं। आज का युवा अपने फैसले खुद ले रहा है। चाहे वह कॅरियर हो, वित्तीय आजादी हो या फिर रिश्ते। ऐसे में यह ताज्जुब की बात नहीं है कि नौजवान अपना जीवनसाथी चुनने जैसे बेहद अहम काम के लिये भी प्रौद्योगिकी के मंच का इस्तेमाल कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि निकट भविष्य में डेटिंग ऐप्स की लोकप्रियता और बढ़ने की सम्भावना है, क्योंकि वे प्रयोगकर्ताओं को दूसरों से मुलाकात करने के ज्यादा विकल्प और मौके उपलब्ध कराते हैं। साथ ही भविष्य में उनसे ऑनलाइन सम्पर्क में रहने का अवसर भी देते हैं।
रावत ने कहा कि हालांकि अभी यह शुरुआती दौर है लेकिन देश में युवाओं की संख्या बढ़ने के साथ ही और ज्यादा लोग ऑनलाइन डेटिंग को चुनेंगे। इसकी वजह से जल्द ही इसका कारोबार करोड़ों रुपये में पहुंच जाएगा।
सर्वे के मुताबिक करीब 20 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने बताया है कि वे शादी से जुड़े ऐप्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, क्योंकि वे जीवन भर का साथ चाहते हैं। वहीं, 10 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे डेटिंग के अतिरिक्त सामाजिक सम्पर्क के लिये मैच-मेकिंग ऐप्स का प्रयोग करते हैं, जबकि बाकी लोगों ने ऐसे ऐप्स के बारे में जानकारी ना होने की बात कही।
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