ये है वेलेन्टाईन डे के पीछे की असल कहानी!
वेलेन्टाईन डे के पीछे की कहानीं, क्यों मनाया जाता है वेलेन्टाईन डे
नई दिल्ली: वेलेन्टाईन डे के बारे में कई कहानियां प्रचलन में है लेकिन कौन सी सही है इस बारे में पक्कें तौर पर कुछ नही कहा जा सकता। वेलेन्टाईन डे का मतलब आज के समय में तो बस गूलाब के फूल,चॉकलेट,कार्डस,और रोमांस ही है। लेकिन वेलेन्टाईन डे के पीछे की कहानी जो हम बता रहें हैं बिल्कुल भी रोमांटिक नही हैं-कम से कम परंपरागत रूप से तो बिल्कुल भी नही।
व्हाइटफ्रयर्स चर्च,डबलिन आयरलैंड के पादरी फ्रैंक-ओ-गारा के अनुसार संत वेलेन्टाईन एक रोमन पादरी थे,तब वहाँ राजा क्लाउडियस का शासन था,जो चर्च को और चर्च के लोगो को तरह तरह से प्रताड़ित करता था। फॉदर ओ-गारा बताते हैं- राजा ने एक आदेश द्वारा जवान लोगो का शादी करना निषेध कर दिया। उसका अनुमान था, कि कुवाँरे सिपाही, शादीशुदा सिपाहियों के मुकाबले बेहतर लड़ सकते हैं,क्योंकि शादीशुदा सिपाहियों को शायद ये डर रहता हैं कि उनकी मौत के बाद उनके बीवी बच्चों का क्या होगा।
फॉदर-ओ-गारा नें बताया कि उस समय बहुविवाह का प्रचलन था। तभी कुछ लोग ईसाई धर्म की तरफ आकर्षित हुए, और ईसाई धर्म में एक स्त्री और एक पुरुष की शादी को बड़ा पवित्र माना जाता था, लेकिन राजा के शादी ना करनें के आदेश के कारण चर्च के सामने संकट खड़ा हो गया। तब सन्त वेलेन्टाईन नें लोगो की गुपचुप शादी कराने का निर्णय लिया और वो राजा के आदेश के खिलाफ लोगो की शादी कराने लगे। लेकिन सन्त वेलेन्टाईन पकड़े गये और राजा के आदेश पर उन्हें जेल में डाल दिया गया और प्रताड़ित किया गया। और तभी से सन्त वेलेन्टाईन की याद में वेलेन्टाईन डे मनानें का प्रचलन शुरु हो गया।