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UP board Results Date: यूपी बोर्ड के परिणाम जून के अंत तक, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने दी जानकारी

माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) द्वारा संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के परिणाम जून माह के अंत तक आएंगे।

<p>up board 10th 12th results till the end of june</p>- India TV Hindi Image Source : FILE up board 10th 12th results till the end of june

लखनऊ। माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश (यूपी बोर्ड) द्वारा संचालित हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं के परिणाम जून माह के अंत तक आएंगे। कोरोना संकट का असर बोर्ड की गतिविधियों पर भी पड़ा है, जिसके चलते परीक्षा की कॉपियों के मूल्यांकन में काफी विलंब हो रहा है।

उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ.दिनेश शर्मा, जो माध्यमिक शिक्षा के भी मंत्री हैं, बताते हैं, "कॉपियों का मूल्यांकन अब प्रारम्भ हो गया है। पांच मई से ग्रीन जोन के 20 जिलों में कॉपियां जांची जा रही हैं। ऑरेंज जोन के 36 जिलों में भी 12 जून से मूल्यांकन का काम प्रारम्भ होगा। अंत मे रेड जोन की कॉपियां जचेंगी। जून के आखिर तक परीक्षा के परिणाम घोषित किये जा सकेंगे।"

डॉ. शर्मा ने कहा, "कोरोना काल में शैक्षणिक गतिविधियों को चलाना एक बहुत बड़ी चुनौती है। इस संकट को देखते हुए प्रदेश के स्कूल और कॉलेजों के अलावा उच्च शैक्षणिक संस्थानों में भी अप्रैल माह से ही ऑनलाइन सत्र चल रहा है। व्हाट्सएप के माध्यम से वर्चुअल क्लास चल रही हैं। इससे सत्र को नियमित करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा इस प्रक्रिया से ऑनलाइन टीचिंग का नया कांसेप्ट डेवलप हुआ है।"

एक सवाल के जवाब में उप मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले समय में ऑनलाइन टीचिंग को और प्रमोट किया जाएगा। यह कोरोना का एक सकारात्मक पक्ष सामने आया है। यह पूंछने पर कि अनलाइन टीचिंग में कुछ बच्चों को दिक्कतें आ रही हैं, इस पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। ये एक दो स्कूलों का बहाना है। बच्चों को ऑनलाइन टीचिंग के प्रति काफी लगाव है। वे मोबाइल और टीवी को तो देखते ही रहते हैं। अब उसी के माध्यम से ऑनलाइन पढ़ाई भी कर रहे हैं। मैं नहीं मानता कि उन्हें स्वास्थ्य संबधी कोई दिक्कत हो रही है।

उत्तर प्रदेश में कोरोना का संक्रमण फैलाने में किसका हांथ है, यह पूछने पर डॉ़ शर्मा ने कहा, "इसके लिए किसी व्यक्ति विशेष अथवा समाज को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। इस महामारी ने पूरी दुनिया को अपने गिरफ्त में ले रखा है। ऐसे में किसी एक को इसके विस्तार का दोषी बताना उचित नहीं है। इस महामारी से बचने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग को मानना चाहिए। प्रशासन अथवा लोगों की लापरवाही से ही ये बढ़ता है। इसके लिए किसी एक व्यक्ति को दोषी ठहराना उचित नहीं है। अन्य जगहों की तुलना में यूपी के अंदर यह वायरस काफी नियंत्रण में है।"

यह पूछने पर कि महाराष्ट्र और अन्य राज्यों से चोरी छुपे लोग आ रहे हैं। ऐसा नहीं लगता कि वहां की राज्य सरकारें यूपी के लोगों को जबरदस्ती भेज रही हैं। इस पर उन्होंने कहा, "अब कोई चोरी से या छिपकर नहीं आ रहा है। जो अपने घर वापस आना चाह रहे हैं, उन्हें यूपी सरकार ट्रेनों के माध्यम से वापस ला रही है। हम उन्हें सारी सुविधाएं मुहैया करा रहे हैं। खाना भी खिला रहे हैं। खर्च भी वहन कर रहे हैं।"

ऐसा नहीं लगता कि कोरोना काल में योगी जी लीड ले गए, आपलोग पीछे रह गए, इस पर डॉ़ शर्मा ने कहा, "योगी जी समेत हम सभी लोग मंत्रिपरिषद के सदस्य हैं और टीम के आधार पर काम करते हैं। हम एक दूसरे के पूरक हैं। पूरी टीम एक दूसरे के सहयोग से कार्य करती है। यहां कोई प्रतिद्वंदी नहीं है। जो योगी करेंगे, उसमें हम सबका योगदान है और जिस कार्य को हम सब करते हैं उसमें योगी जी का मार्ग दर्शन है।

ज्ञात हो कि डा़ॅ दिनेश शर्मा उपमुख्यमंत्री पद के साथ-साथ उत्तर प्रदेश के माध्यमिक एवं उच्च शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा इलेक्ट्रानिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे प्रमुख विभागों के भी कैबिनेट मंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। इसके अलावा वह विधान परिषद में नेता सदन की भूमिका में हैं। पूर्व में वह लखनऊ के दो बार महापौर रह चुके हैं। लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रहने के साथ-साथ इन्होंने भारतीय जनता पार्टी के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय व प्रादेशिक पदों पर कई भूमिकाएं निभाई है।

 

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