CBSE Result 2020: Fake News पर न करें विश्वास, अभी तक घोषित नहीं हुई है रिजल्ट की तारीख
सोशल मीडिया पर सीबीएसई रिजल्ट को लेकर और भी कई गलत दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में छात्रों को किसी भी पोस्ट पर विश्वास करने से पहले सीबीएसई की वेबसाइट जरूर चेक करनी चाहिए।
नई दिल्ली. कोरोना वायरस महामारी की वजह से सीबीएसई बोर्ड का रिजल्ट लेट हुआ है। सीबीएसई रिजल्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई दावे भी किए जा रहे हैं। इनमें दावा किया जा रहा है कि जुलाई की 13 तारीख को दसवीं क्लास का रिजल्ट घोषित किया जाएगा। हालांकि जब सीबीएसई से इसको लेकर संपर्क किया गया तो उन्होंने इस नोटिफिकेशन को फेक बता दिया।
सोशल मीडिया पर सीबीएसई रिजल्ट को लेकर और भी कई गलत दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में छात्रों को किसी भी पोस्ट पर विश्वास करने से पहले सीबीएसई की वेबसाइट जरूर चेक करनी चाहिए। दरअसल सीबीएसई बोर्ड ने कुछ बचे हुए एग्जाम कैंसिल कर दिए थे और कोरोना बीमारी की वजह से आने वाले शैक्षणिक सत्र के लिए पाठ्यक्रम को 30 फीसदी तक कम कर दिया है। छात्र सीबीएसई रिजल्ट्स की जानकारी के लिए CBSE के फेसबुक और ट्विटर फेज पर भी नजर बनाए रखें।
कब आएगा सीबीएसई रिजल्ट 2020
25 जून को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के अनुसार, सीबीएसई बोर्ड दसवीं और बारहवीं क्लास का रिजल्ट 15 जुलाई तक घोषित कर देगा।
फिलहाल सीबीएसई द्वारा रिजल्ट के लिए कोई भी समय या तिथि घोषित नहीं की गई है। हालांकि सीबीएसई रिजल्ट के बाद भी 12वीं के छात्र optional exams के लिए स्थिति बेहतर होने पर आवेदन कर सकते हैं।
सीबीएसई ने 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम किया
केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिये 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है। केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को यह घोषणा की।
मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को छोटा किया गया है। निशंक ने ट्वीट किया, ''देश और दुनिया में व्याप्त असाधारण परिस्थितियों को देखते हुए सीबीएसई को पाठ्यक्रम संशोधित करने और कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्रों पर से भार कम करने की सलाह दी गई थी।''
उन्होंने लिखा, ''मैंने इस फैसले पर, कुछ सप्ताह पहले शिक्षाविदों से सुझाव मांगे थे और मुझे खुशी है कि हमें डेढ़ हजार से अधिक सुझाव प्राप्त हुए। इस शानदार प्रतिक्रिया के लिये सभी को धन्यवाद।'' उन्होंने कहा, ''शिक्षा के महत्व के मद्देनजर मूल विषयों को बरकरार रखते हुए पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम करने का निर्णय लिया गया है।''
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि संबंधित पाठ्यक्रम समिति ने, बोर्ड के निदेशक मंडल की अनुमति मिलने के बाद पाठ्यक्रम में किए गए बदलाव को अंतिम रूप दिया गया है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ''बोर्ड ने स्कूलों के प्रमुखों और शिक्षकों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी है कि जिन विषयों को हटा दिया गया है, उन्हें दूसरे विषयों से जोड़ने के लिये जरूरत के हिसाब से पढ़ाया जाना चाहिये। हालांकि आंतरिक मूल्यांकन और साल के अंत में होने वाली बोर्ड परीक्षाओं के विषयों में कोई कमी नहीं की गई है।''