अगर आप भी CA बनना चाहते हैं तो करें इन स्टेप्स को फॉलो
चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी सीए हमारे देश में काफी प्रतिष्ठा भरा करियर है।
चार्टर्ड अकाउंटेंट यानी सीए हमारे देश में काफी प्रतिष्ठा भरा करियर है। द इंस्टिट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट ऑफ इंडिया (ICAI) एक गवनिर्ंग बॉडी है, जो सीए के एग्जाम कंडक्ट कराती है। इंस्टिट्यूट के फाइनल एग्जाम क्लियर करने वाले स्टूडेंट्स को इंडस्ट्री में क्वॉलिफाइड चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) के रूप में अच्छी जॉब मिल जाती है। सीए करने के लिए आपको तीन एग्जाम क्लियर करने होंगे। सीपीटी (एंट्रेंस एग्जाम), आईपीसीसी (इंटरमीडिएट एग्जाम) और फाइनल सीए एग्जाम। जानें पूरी डिटेल्स...
कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट (CPT)
सीए में करियर बनाने के लिए इसकी शुरूआत कॉमन प्रोफिसिएंसी टेस्ट सीपीटी से होती है जिसे पास करने के बाद ही छात्र अपने लक्ष्य के पहले पड़ाव को पार कर दूसरे पड़ाव पर पहुंच सकता है। इसमें चार विषयों जैसे अकाउंटिंग, मर्केटाइल लॉ, जनरल इकोनॉमिक्स एवं क्वांटिटेटिव एप्टीटयूड को शामिल किया जाता है।
इटीग्रेटेड प्रोफेशनल कंपीटेंस कोर्स (IPCC)
इसमें अकाउंटिंग, बिजनेस और कंपनी लॉ, एथिक्स एंड कम्युनिकेशन, कास्ट अकाउंटिंग और फाइनेंशियल मैनेजमेंट, टैक्सेशन, एडवांस अकाउंटिंग, आईटी एंड स्ट्रेटेजिक मैनेजमेंट आदि विषयों को शामिल किया गया है। सीपीटी क्लियर हो जाने के बाद स्टूडेंट्स आईपीसीसी का एग्जाम दे सकता है। इसके लिए स्टूडेंट्स को 9 महीने की तैयारी का वक्त मिलता है। आईपीसीसी एग्जाम क्लियर करने के बाद स्टूडेंट्स को एक सीए के अंडर में इंटर्न के रूप में काम करना होता है। फाइनल एग्जाम के लिए एलिजिबल होने से पहले स्टूडेंट को तीन साल तक यह इंटर्नशिप करनी होती है।
कैसे करें तैयारी
मान्यता प्राप्त बोर्ड से कॉमर्सस्ट्रीम में 12वीं पास करने के बाद कोई भी स्टूडेंट्स सीए में करियर बना सकता हैं। कई बार स्टूडेंट्स सीए की दौड़ में भाग लेने के लिए अपनी शुरुआत ग्रेजुएशन के बाद भी करते हैं। लेकिन सीए कोर्स की लंबी अवधि के कारण सीए की शुरुआत का सही समय 12वीं पास करने के बाद का ही होता है। सीए की तैयारी के लिए छात्रों को पहले अकाउंटिग में मजबूत पकड़ बनानी चाहिए।
अवसर
सीए बनकर आप देश-विदेश की कंपनियों में फाइनेंस अकाउंट एवं टैक्स डिपार्टमेंट में फाइनेंस मैनेजर, अकाउंट मैनेजर, फाइनेंशियल बिजनेस एनालिस्ट, ऑडिटिंगइंटरनल ऑडिटिंग, मैनेजिंग डायरेक्टर, सीईओ, फाइनेंस डायरेक्टर, फाइनेंशियल कंट्रोलर, चीफ अकाउंटेंट, चीफ इंटरनल ऑडिटर जैसी पोजिशन पर काम कर सकते हैं।