छत्तीसगढ़ की प्राथमिक शालाओं की पाठ्य-पुस्तकों में राज्य का राज्यगीत 'अरपा पैरी के धार' को शामिल किया जाएगा। आधिकारिक तौर मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार को राज्य शिक्षा स्थायी समिति की बैठक में पाठ्य-पुस्तकों में राज्यगीत शामिल किए जाने का अनुमोदन किया गया। इस बैठक की अध्यक्षता पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केसरी लाल वर्मा ने की और समिति के सचिव एवं राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के संचालक जितेंद्र शुक्ला की उपस्थिति रही।
मुख्यमंत्री भूपेष बघेल ने घोषणा की थी कि बच्चों को उनकी मातृभाषा में पढ़ाया जाए। बैठक में बताया गया कि राज्य में बोली और भाषाओं को पढ़ाने के लिए द्विभाषिक पाठ्य-पुस्तकों का मुद्रण किया जाएगा। पाठ्य-पुस्तक में एक पृष्ठ पर हिंदी और उसी के सामने दूसरे पृष्ठ पर संबंधित भाषा में उसी पृष्ठ की पाठ्य-सामग्री का मुद्रण किया जाएगा।
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