नई दिल्ली। लॉकडाउन के बीच छात्र नियमित रूप से दूरदर्शन, डिश टीवी, जियो टीवी एप, यूट्यूब, स्काइप और डीटीएच चैनलों के माध्यम से अपनी कक्षा एवं विषय के अनुसार स्कूली पढ़ाई में मदद ले रहे हैं। अब अध्यापकों को भी ऑनलाइन पढ़ाई करवाने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण देने की तैयारी की जा रही है। छात्रों को ऑनलाइन पढ़ा रहे शिक्षक अब खुद भी ऑनलाइन ट्रेनिंग लेंगे। नई कक्षा और पाठ्यक्रम पाठ्यक्रम के हिसाब से अध्यापकों की क्षमता ऑनलाइन ही विकसित की जाएगी।
शिक्षकों की क्षमता विकसित करने की यह प्रक्रिया इसलिए शुरू की गई है, ताकि शिक्षक छात्रों को सही तरीके से ऑनलाइन माध्यमों के जरिए शिक्षा प्रदान कर सकें। सरकार द्वारा शिक्षकों को 'नेशनल रिपोजिटरी ऑफ ऑनलाइन एजुकेशन रिसोर्स' के माध्यम से अपने स्किल डेवलप करने की सलाह दी गई है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, "छात्रों के साथ ही शिक्षक भी इस अवसर का लाभ ले सकते हैं। अध्यापक मुफ्त ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं। यह संसाधन टीचर्स एजुकेशन से संबंधित हैं और केवल एक क्लिक से इनका इस्तेमाल संभव है।"
निशंक ने शिक्षकों से आवाहन करते हुए कहा, "यह समय का सदुपयोग करने का सही अवसर है। घर पर रहते हुए ही आप अपने कौशल को और निखार सकते हैं, जिसकी आपको प्रतिदिन क्लास रूम में आवश्यकता होती है।"गौरतलब है कि अब एनओआईएस, केंद्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय और सीबीएसई के अंतर्गत आने वाले कई प्राइवेट स्कूल विभिन्न ऑनलाइन माध्यमों से छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
देशभर के कई विद्यालयों में स्काइप के जरिए विभिन्न शैक्षणिक पाठ्यक्रमों का सीधा प्रसारण प्रसारण किया जा रहा है। 'स्वयं' पोर्टल पर नौवीं से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए वीडियो लेक्चर भी प्रसारित किए जा रहे हैं। जिन छात्रों के पास इंटरनेट के जरिए इस शिक्षाप्रद कार्यक्रम को देखने की सुविधा नहीं है, उनके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वयंप्रभा टीवी चैनल शुरू किया है। स्वयंप्रभा पर भी विभिन्न कक्षाओं के लिए वीडियो लेक्चर से लेकर अन्य पठन सामग्री उपलब्ध कराई गई है।
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