Engineering College का बदलेगा Syllabus, जानें नए सिलेबस में क्या है नया
थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर होगा जोर। पढ़ाने में परेशानी न होने के लिए शिक्षकों के लिए AICTE ने किया हैंडबुक तैयार।
नई दिल्ली : 2018-19 के सेशन में देशभर के सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों का सिलेबस बदल जाएगा और नए सिलेबस के हिसाब से छात्रों को इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाएगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 24 जनवरी 2018 को केंद्रीय मानव संसाधन विकास (HRD) मंत्री प्रकाश जावड़ेकर राजधानी दिल्ली में नया सिलेबस पेश करेंगे। देश भर के आईआईटी (IIT) संस्थानों को छोड़कर सभी इंजीनियरिंग कॉलेजों के लिए नए सिलेबस को लागू करना अनिवार्य होगा और इसी के मुताबिक पढ़ाई करवानी होगी।
नए सिलेबस में क्या है नया
- नया सिलेबस पुराने सिलेबस से भिन्न होने की उम्मीद है। नए सिलेबस में इंजीनियरिंग और तकनीक के क्षेत्र में हुए नवीनतम सुधार, नई खोज और प्रगति को शामिल किया गया है।
- इस सिलेबस में इंडस्ट्री-ओरिएंटेशन को भी ध्यान में रखा जा रहा है जिससे कि छात्रों को नौकरी मिलने में आसानी होगी।
- नए सिलेबस में थ्योरी से ज्यादा प्रैक्टिकल पर जोर होगा। छात्रों के लिए खास वर्कशॉप भी होंगे जिससे उन्हें पढ़ाई के बाद नौकरी में परेशानी नहीं हो।
इन बदलावों को नए सिलेबस में शामिल करने और पुराने सिलेबस को संशोधित करने के लिए विशेषज्ञों की 11 सिमितियों ने दिन-रात काम किया
सत्र से पहले होगा 3 सप्ताह का ओरिएंटेशन
प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए अनिवार्य क्लास शुरू होने से पहले तीन सप्ताह का ओरिएंटेशन या इंट्रोडक्शन प्रोग्राम रखा जाएगा। इस दौरान उन्हें अंग्रेजी भाषा की खास ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही उनके सॉफ्ट स्किल्स को भी उभारा जाएगा। इसमें योग, सांस्कृतिक कार्यक्रम, प्रतियोगिताएं आदि आयोजित कराई जाएंगी।
छात्रों और शिक्षकों के बीच इंटरैक्शन सेशन भी होंगे। इससे अलग-अलग जगह से आए छात्रों को समान अवसर मिलेंगे और उनके बीच की दूरियां कम होंगी। साथ ही उनमें पॉजिटिव एटीट्यूड का आएगा और वे अपने कोर्स को समझ सकेंगे।
हैंडबुक करेगी शिक्षकों की मदद
नए सिलेबस से पढ़ाने में कोई परेशानी न हो इसके लिए शिक्षकों के लिए AICTE ने एक हैंडबुक तैयार किया है। हैंडबुक शिक्षकों के नए सिलेबस को समझने में मदद करेगा और एक नई शिक्षा पद्धति का विकास होगा। इसके अलावा शिक्षकों के लिए ट्रेनिंग सेशन चल रहे हैं ।