नई दिल्ली। नेशनल एजुकेशन बोर्ड Central Board of Secondary Education (CBSE) ने मंगलवार को कोरोनावायरस महामारी के बीच 2020-21 के शिक्षा सत्र में छात्रों के ऊपर सिलेबस का बोझ कम करने के लिए स्कूलों में कोर्स को 30 फीसदी कम करने की घोषणा की थी, जिसके बाद जानकारी है कि बोर्ड ने स्कूलों में लोकतांत्रिक अधिकार, फूड सिक्योरिटी, संघवाद, नागरिकता और निरपेक्षवाद जैसे अहम चैप्टर हटा दिए हैं।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बुधवार को कहा कि वह इस बात से हैरान है कि सीबीएसई ने पाठ्यक्रम के भार को कम करने के नाम पर ‘‘नागरिकता’’, ‘संघवाद’’ जैसे विषयों को हटाने का निर्णय किया है। उन्होंने मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय से किसी भी कीमत पर महत्वपूर्ण अध्यायों को नहीं हटाये जाने की अपील की। बनर्जी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘मैं यह जानकर अचंभित हूं कि केन्द्र सरकार ने कोविड संकट के दौरान पाठ्यक्रम के भार को कम करने के नाम पर नागरिकता, संघवाद, धर्मनिरपेक्षता और विभाजन जैसे विषयों को हटाने का का फैसला किया।
हम इसका कड़ा विरोध करते हैं और एचआरडी मंत्रालय को सुनिश्चित करना चाहिए कि महत्त्वपूर्ण पाठों को किसी भी कीमत पर नहीं हटाया जाए।’’ केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने कोविड-19 संकट के बीच छात्रों पर से पढ़ाई का बोझ कम करने के उद्देश्य से अकादमिक वर्ष 2020-21 के लिये 9वीं कक्षा से 12वीं कक्षा तक के पाठ्यक्रम को 30 प्रतिशत तक कम कर दिया है।
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