इंटरनेट कनेक्शन बगैर भी छात्रों को मिलेगी घर बैठे शिक्षा
देशभर में लाखों छात्र ऐसे हैं, जो ग्रामीण, दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से अधिकांश के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है।
नई दिल्ली। देशभर में लाखों छात्र ऐसे हैं, जो ग्रामीण, दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से अधिकांश के पास इंटरनेट की सुविधा नहीं है। ऐसे वंचित छात्रों तक शिक्षा पहुंचाने का फिलहाल वैकल्पिक उपाय ढूंढ़ा गया है। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने आईएएनएस कहा, मेरा मानना है कि सीखने की उत्सुकता इंटरनेट की उपलब्धता तक सीमित नहीं हो सकती है।
निशंक ने कहा, डिजिटल डिवाइड को संबोधित करने के लिए, एमएचआरडी ने अपने डीटीएच प्लेटफॉर्म टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच ऑपरेटरों पर स्वयं प्रभा चैनलों को प्रसारित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ करार किया है। इससे पहले, स्वयं चैनल, डिश टीवी और जियो एप पर उपलब्ध थे।अब भारत में कहीं भी कोई छात्र इन चैनलों के लिए डीटीएच 'सेवा प्रदाता' से अनुरोध कर सकता है। इसके लिए छात्रों व उनके अभिभावकों को कोई अतिरिक्त भुगतान भी नहीं करना होगा।
निशंक ने कहा, स्वयं प्रभा 32 डीटीएच चैनलों का एक समूह है, जो सभी शिक्षकों को कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रदर्शन कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि आदि जैसे विविध विषयों को कवर करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक पाठ्यक्रम सामग्री प्रदान करता है। हम छात्रों को पाठ्यक्रम को हस्तांतरित करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो के विकल्प का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं।
गौरतलब है कि देश भर में अधिकांश छात्रों को इंटरनेट के माध्यम से ऑनलाइन शिक्षा मुहैया कराई जा रही है। इसके अंतर्गत डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्च र फॉर नॉलेज शेयरिंग (दीक्षा), ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं प्रभा डीटीएच चैनल इत्यादि को और सु²ढ़ बनाने का काम किया गया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री निशंक ने कहा, शिक्षण संस्थानों को मंत्रालय की तरफ से निर्देश दिए जा चुके हैं कि वे कोरोनावायरस महामारी के दौरान छात्र-छात्राओं के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था करें। हमारे निर्देशों को मानते हुए संस्थानों ने अपने यहां ऑनलाइन शिक्षा द्वारा पढ़ाई शुरू भी करवा दी है।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली को और बढ़ावा देने के लिए हाल ही में भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान शुरू किया है। लगभग दस हजार से ज्यादा लोगों ने इस अभियान पर अपने सुझाव दिए हैं। मंत्रालय बहुत जल्द ही इसपर दिशानिर्देश लेकर आएगा।