खुशखबरी: विदेश से पीएचडी करने का सपना होगा पूरा, भारत सरकार उठाएगी पढ़ाई का पूरा खर्च
अब छात्रों को सरकारी खर्चे पर विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी का मौका भी मिलेगा।
अब छात्रों को सरकारी खर्चे पर विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी का मौका भी मिलेगा। केंद्र सरकार ने विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की पढ़ाई करने के लिए पीएम यंग अकेडमिशन योजना तैयार की गई है। इसके तहत पांच सालों तक विदेशी यूनिवर्सिटी में पीएचडी की पढ़ाई पूरी करनी होगी। खास बात यह है कि इस योजना के तहत छात्रों को डिग्री पूरी होने के बाद अपनी सेवाएं भारत में लौटकर देनी अनिवार्य रहेंगी। केंद्र सरकार के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, भारतीय उच्च शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार के मकसद से मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने प्रमोटिंग इन्स्टिटूशनल मोबिलिटी में पीएम यंग अकेडमिशन योजना का खाका तैयार किया है। दुनिया की सर्वश्रेष्ठ 200 रैकिंग वाली यूनिवर्सिटी में भारतीय छात्रों को पीएचडी प्रोग्राम में पढ़ाई का मौका मिलेगा। जो छात्र विदेशी यूनिवर्सिटी से पीएचडी करना चाहते होंगे, उन्हें सरकार प्लेटफार्म मुहैया करवाएगी।
पांच सालों तक के लिए सरकार ऐसे छात्रों को स्कॉलरशिप समेत आर्थिक सहयोग देगी। इसमें पीएचडी पूरी करने की समय-सीमा पांच साल होगी। सरकार इस योजना को शैक्षणिक सत्र 2019-20 में शुरू करने की योजना तैयार कर रही है। इसके अलावा ज्वाइंट डिग्री व ज्वाइंट पीएचडी भी शुरू करेगी। भारत संग विदेश में एक साथ पढ़ाने के लिए ड्यूल अपॉइन्ट्मेंट। केंद्र सरकार ने विदेशों में बसे भारतीय और विदेशी शिक्षकों को भारत से जोड़ने के लिए डिस्टिंगग्विश्ट अकेडमिशन रिटर्न योजना भी तैयार की है। शैक्षणिक सत्र 2020-21 और 2023-24 सत्र के लिए तैयार योजना में दुनियाभर के उच्च शिक्षण संस्थानों में सेवाएं दे रही फैकल्टी, साइंटिस्ट को भारतीय उच्च शिक्षण संस्थानों व विश्वविद्यालयों से जोड़ना है।
इसके तहत ड्यूल अपॉइन्ट्मेंट दिया जाएगा। इसमें चयनित फैकल्टी या साइंटिस्ट को साल में तीन महीने भारत में सेवाएं देनी होगी। जबकि अन्य नौ महीने में वे अपने पूर्व के विदेशी संस्थान में काम कर सकेंगे। इसमें मुख्य रूप से शोध व अनुसंधान पर काम होगा।