नई दिल्ली। उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हाल ही में हुए दंगों से प्रभावित सरवर खान, अपने परिवार में 12वीं करने वाली पहली लड़की महजबी और शहर में अपने रहने का खर्चा निकालने के लिए ट्यूशन पढ़ाने वाले राघव दिल्ली के सरकारी स्कूलों के उन 19 छात्रों में से हैं, जिन्होंने सीबीएसई की 12वीं की परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल किए हैं। परीक्षा में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाले इन छात्रों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर बुधवार को मुलाकात की। वे उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया से भी मिले।
बिहार के रहने वाले राघव कुमार के बोर्ड परीक्षा में 93.4 प्रतिशत अंक आए हैं। वह शहर में अपना खर्चा निकालने के लिए पड़ोस के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाते हैं। उन्होंने मंत्रियों से कहा, ‘‘ मैंने अपने रिश्तेदार का घर तब ही छोड़ दिया था जब मैं 11वीं कक्षा में था और मैंने अकेले रहना शुरू कर दिया था। मेरे शिक्षकों ने भी मेरी काफी आर्थिक मदद की।’’ ‘ह्यूमैनिटीज’ में अपने स्कूल में सर्वाधिक अंक हासिल करने वाली चारू यादव का कहना है कि वह 11वीं कक्षा में फेल हो गई थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘ मैंने 11वीं में पहले साइंज स्ट्रीम ली थी लेकिन उसकी पढ़ाई सही से कर नहीं पाई और फेल हो गई। प्रधानाचार्य के सुझाव पर मैंने ह्यूमैनिटीज ली और अब 12वीं में सर्वाधिक 96 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं।।’’ परीक्षा में 73.40 प्रतिशत अंक हासिल करने वाले सरवर खान ने कहा, ‘‘ मैं उत्तर-पूर्वी दिल्ली के दंगों से प्रभावित हुआ। मैंने परीक्षा की तैयारी पहले ही शुरू कर दी थी, इसलिए मेरी पढ़ाई प्रभावित नहीं हुई। मैंने रातों को जाग कर पढ़ाई की।’’
वहीं 95.6 प्रतिशत अंक हासिल करने वाली शमीना खातून ने कहा, ‘‘ मेरे परिवार में लड़कियों को पढ़ने नहीं दिया जाता। हमें उर्दू सिखाई जाती है लेकिन स्कूल जाने का तो सवाल ही नहीं उठता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे तीन भाई और एक बहन है। मेरे परिवार में कोई लड़कियों को पढ़ानें में विश्वास नहीं रखता लेकिन मेरे पिता ने मुझे प्रोत्साहित किया। मैंने मन लगाकर पढ़ाई की और अच्छे अंक हासिल किए।’’ महजबी भी अपने परिवार में 12वीं करने वाली पहली लड़की हैं।
उनके 94 प्रतिशत अंक आए हैं। केजरीवाल ने सबको बधाई दी और कहा, ‘‘ आप सभी ने परेशानियों का सामना किया लेकिन हिम्मत नहीं हारी। दृढ़ निश्चय के साथ आपने अच्छे अंक हासिल किए। ये परिणाम पढ़ाई के प्रति आपके प्रयासों एवं समर्पण को दर्शाते हैं।’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि करदाताओं के पैसे का उपयोग सरकारी स्कूलों को आर्थिक मदद मुहैया कराने, सभी के लिए मुफ्त एवं सुलभ शिक्षा बनाने के लिए किया जा रहा है।
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