नई दिल्ली: सीबीएसई पेपर लीक कांड में आज चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को दसवीं का मैथ का पेपर लीक होने की जानकारी 23 मार्च को ही दे दी गई थी। किसी अज्ञात व्यक्ति ने सीबीएसई को मेल करके बताया था कि दसवीं का गणित का पेपर लीक हो गया है और उसने वो प्रश्नपत्र भी साथ में अटैच किया था जो लीक किया गया था। 23 मार्च को शुक्रवार था और 10वीं का गणित का पेपर 28 मार्च को था। पूरे पांच दिन का समय था, सीबीएसई अगर उसी वक्त शिकायत में भेजे गए पेपर को इम्तेहान में दिए जाने वाले पैपर से मैच करती तो हकीकत पता लग जाती। पांच दिन में CBSE पेपर बदल सकती थी लेकिन ये सब करने के बजाए CBSE ने अगले दिन शनिवार को वॉट्सऐप के जरिए लीक हुए पर्चे की कॉपी और शिकायत को एक छोटे पुलिस अफसर को फॉर्वड कर दिया।
अगले दिन रविवार था दिल्ली पुलिस ने भी इस पर कुछ नहीं किया। उसके तीन दिन बाद दसवीं की परीक्षा हुई गणित का वहीं पेपर बांटा गया जो शिकायत में था। जब बात फैली तो आनन फानन में सीबीएसई ने दिल्ली पुलिस में शिकायत की और दो घंटे में ही दोबारा इम्तेहान कराने का फरमान सुना दिया मतलब जो फैक्ट्स पता चले उससे ये तो साफ है कि सीबीएसई की लापवाही से लाखों स्टूडेंट्स दोबारा परीक्षा देने के लिए मजबूर हुए हैं।
वहीं, आज देशभर में दसवीं और बारहवीं के स्टूडेंट्स ने प्रोटेस्ट किया और सीबीएसई के खिलाफ नाराजगी जाहिर की। स्टूडेंट्स का कहना है कि कुछ लोगों की गलती की सजा वो क्यों भुगतें, दोबारा पेपर क्यों दें।
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