सरकारी स्कूलों में मिलेगी स्वरोजगार की शिक्षा
रोजगार परक शिक्षा और बेरोजगारी दूर करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार दिल्ली व देशभर के हजारों उद्यमियों को स्कूली कार्यक्रम के साथ जोड़ने जा रही है।
नई दिल्ली। रोजगार परक शिक्षा और बेरोजगारी दूर करने के उद्देश्य से दिल्ली सरकार दिल्ली व देशभर के हजारों उद्यमियों को स्कूली कार्यक्रम के साथ जोड़ने जा रही है। दिल्ली सरकार का मानना है कि उसके इस कदम से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों में कारोबार करने की क्षमता और कारोबारी हुनर को प्रेरणा मिल सकेगी। अपनी इस योजना को सफल बनाने के लिए दिल्ली सरकार फिलहाल 17 हजार उद्यमियों को अपने साथ जोड़ेगी। दिल्ली सरकार के स्कूलों से जुड़ने वाले उद्यमी स्वयं सेवक के रूप में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में जाकर यहां छात्रों से बातचीत करेंगे। ये उद्यमी छात्रों को उद्यमिता के गुर सिखाने में मदद करेंगे।
स्कूलों में शिक्षा के साथ-साथ छात्रों के बीच उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने के लिए दिल्ली एक विशेष पाठ्यक्रम भी तैयार करवा रही है। यह पाठ्यक्रम वर्ष 2020-21 के आने वाले सत्र से लागू किया जा सकता है। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने दिल्ली सचिवालय में उद्यमशीलता की मानसिकता को बढ़ावा देने के कार्यक्रम की समीक्षा की है। इस दौरान शिक्षा मंत्रालय के अधिकारियों के साथ इस विषय पर एक रिव्यू मीटिंग की गई। इसमें एससीईआरटी और शिक्षा विभाग के सीनियर अफसरों के अलावा उद्यमशीलता की मानसिकता प्रोग्राम की कोर कमिटी के सदस्य भी शामिल हुए।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा "इस बार 17 हजार उद्यमियों को ईएमसी प्रोग्राम से जोड़ने का निर्देश दिया गया है। पिछले साल 4 हजार उद्यमियों ने 3,10,309 स्टूडेंट्स के साथ इस विषय पर चर्चा की थी। उद्यमियों व दिल्ली के छात्रों के बीच हुई इस चर्चा का उद्देश्य छात्रों को यह बताना था कि कैसे वे आगे चलकर एक उद्यमी बन सकते हैं।"
शिक्षा विभाग के अधिकारी ने कहा, "पिछले प्रयास की सफलता से प्रेरणा लेकर दिल्ली सरकार ने इस बार यह कार्यक्रम और अधिक मजबूती के साथ आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। इसीलिए इस साल पहले से चार गुना ज्यादा उद्यमियों को इस प्रोग्राम से जोड़ने की कोशिश की जा रही है।"
दिल्ली सरकार का मानना है कि इस कार्यक्रम से छात्रों को समझ में आएगा कि खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए उन्हें किस तरह आगे बढ़ना है। छात्रों के बीच पहुंचने वाले उद्यमियों को सरकार एक उदारहण की तरह पेश करेगी। शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने अधिकारियों से कहा कि बेहतर चर्चा व शिक्षा प्रदान करने के लिए एक उद्यमी अधिकतम 40 छात्रों के ग्रुप से चर्चा करे।