नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने मंगलवार को यहां ऑनलाइन माध्यम से डिजिटल शिक्षा पर 'प्रज्ञाता'(पीआरएजीवाईएटीए) दिशा-निर्देश जारी किए। प्रज्ञाता दिशा-निर्देशों में ऑनलाइन और डिजिटल शिक्षा के आठ चरण, जिनमें योजना, समीक्षा, व्यवस्था, मार्गदर्शन, याक (बात), असाइन, ट्रैक और सराहना शामिल हैं। ये आठ चरण उदाहरणों के साथ चरणबद्ध तरीके से डिजिटल शिक्षा की योजना और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करते हैं।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, "'प्रज्ञाता' दिशा-निर्देश विद्यार्थियों के ²ष्टिकोण से विकसित किए गए हैं, जो लॉकडाउन के कारण अभी घरों पर मौजूद छात्रों के लिए ऑनलाइन, मिश्रित या डिजिटल शिक्षा पर केंद्रित हैं। डिजिटल या ऑनलाइन शिक्षा पर जारी ये दिशा-निर्देश शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए ऑनलाइन शिक्षा को आगे बढ़ाने की विस्तृत कार्य योजना या संकेत प्रदान करते हैं। विद्यालय प्रमुखों, शिक्षकों, अभिभावकों, शिक्षकों के प्रशिक्षकों और छात्रों सहित हितधारकों के विविध समूहों के लिए ये दिशा-निर्देश प्रासंगिक और उपयोगी होंगे।"
निशंक ने कहा, दिशा-निर्देशों में उन छात्रों के लिए जिनके पास डिजिटल उपकरण हैं और उन छात्रों के लिए भी, जिनके पास डिजिटल उपकरण तक सीमित पहुंच या कोई पहुंच नहीं है, दोनों के लिए, एनसीईआरटी के वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर के उपयोग पर जोर दिया गया है।कोविड-19 महामारी की वजह से देश के सभी स्कूल बंद हैं। इससे स्कूलों में नामांकित 24 करोड़ से अधिक बच्चे प्रभावित हो रहे हैं। स्कूलों के इस तरह आगे भी बंद रहने से बच्चों को सीखने के मौकों की हानि हो सकती है।
निशंक ने कहा, शिक्षा पर महामारी के प्रभाव को कम करने के लिए स्कूलों को न केवल अब तक पढ़ाने और सिखाने के तरीके को बदलकर फिर से शिक्षा प्रदान करने के नए मॉडल तैयार करने होंगे, बल्कि घर पर स्कूली शिक्षा और स्कूल में स्कूली शिक्षा के एक स्वस्थ मिश्रण के माध्यम से बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने की एक उपयुक्त विधि भी पेश करनी होगी।
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