पर्ल एकेडमी के छात्रों ने युवाओं के बीच खादी को लोकप्रिय बनाने के लिए किया अनूठा आयोजन
नई दिल्ली। महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर पर्ल एकेडमी फैशन इंस्टीट्यूट ने साकेत के सिलेक्ट सिटी वॉक मॉल में फैशन शो का आयोजन किया। फैशन शो की थीम "एथिकल ईको कॉलेक्टिव्स" थी। इस फैशन शो का उद्देश्य खादी को भारतीय कपड़ा विरासत के प्रतीक के रूप में फिर से जिंदा करना और लोगों में इसके प्रति जागरुकता फैलाना था।
शो में दिखाए गए डिजाइन्स को पर्ल एकेडमी के आठ पूर्व छात्रों द्वारा तैयार किया गया था। इन्हें तैयार करने का अद्देश्य खादी की गुणवत्ता और मूल्यों को बढ़ाना था। इनके डिजाइन्स को इस तरह से तैयार किया गया था, जो समकालीन, व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और बाजार के लिए प्रासंगिक हों। फैशन शो के पहले पर्ल एकेडमी के छात्रों, पूर्व छात्रों ने स्थानीय कारीगरों के साथ मिलकर एक जागरूकता अभियान चलाया, जिसके तहत 15 चरखे इंस्टॉल कराए गए।
स्कूल ऑफ फैशन पर्ल एकेडमी के डीन एंटोनियो मॉरीजियो ग्रिओली ने कहा कि आज का कार्यक्रम बहुत शानदार था और पर्ल एकेडमी की इस पहल के जरिये हम सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग न करने का संदेश फैला रहे हैं और फैशन इंडस्ट्री में जैविक और टिकाऊ सामग्री के उपयोग के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाने का काम कर रहे हैं। हमारे पूर्व छात्रों ने समृद्ध भारतीय संस्कृति और विरासत से प्रोत्साहित होकर इन टिकाऊ वस्त्रों को तैयार किया है। हमारा लक्ष्य खादी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लोकप्रिय बनाने का है
चरखा म्यूजियम के साथ भागीदारी के जरिये पर्ल एकेडमी के छात्र 28 से 3 अक्टूबर तक गांधी जी की दांडी मार्च यात्रा का प्रदर्शन करेंगे। इस कार्यक्रम के जरिये एकेडमी का लक्ष्य खादी को फैशन के रूप में देश में लोकप्रिय बनाना है।