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आईआईटी रुड़की में ऑनलाइन स्पोकेन संस्कृत सत्र, मोदी ने की प्रशंसा

आईआईटी रुड़की में ऑनलाइन स्पोकेन संस्कृत सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र संस्कृत भारती के सहयोग से आईआईटी रुड़की के संस्कृत क्लब द्वारा आयोजित किया गया।

<p>Online Spoken Sanskrit session at IIT Roorkee, Modi...- India TV Hindi Image Source : PTI Online Spoken Sanskrit session at IIT Roorkee, Modi praised

नई दिल्ली।  आईआईटी रुड़की में ऑनलाइन स्पोकेन संस्कृत सत्र आयोजित किया गया। यह सत्र संस्कृत भारती के सहयोग से आईआईटी रुड़की के संस्कृत क्लब द्वारा आयोजित किया गया। 'सुभाषितमसंस्कृतम' नामक ऑनलाइन स्पोकेन संस्कृत कोर्स-1 का समापन रविवार को इसके आखिरी सत्र के साथ हुआ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने प्रशंसा पत्र में आईआईटी रुड़की और संस्कृत भारती की इस पहल की सराहना की। उन्होंने कहा, प्राचीन काल से संस्कृत हमारी परंपरा का एक अभिन्न अंग रही है, और हमारे संस्कृत शास्त्र भारतीय ज्ञान, दर्शन, विज्ञान और नैतिकता की अभिव्यक्ति के वाहक रहे हैं। इस तरह के आयोजन प्रतिभागियों में भाषा के प्रति गहरी रुचि विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

इस अवसर पर मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने कहा, संस्कृत दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से एक है। संस्कृत भाषा की विशिष्टता और महत्व के प्रति नई पीढ़ी को संवेदनशील बनाने की आवश्यकता है। इस तरह की पहल युवा पीढ़ी को भारतीय संस्कृति और ज्ञान स्त्रोतों को संरक्षित करने के प्रति संवेदनशील बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

12-दिवसीय इस ऑनलाइन कक्षा का उद्देश्य प्रतिभागियों को संस्कृत बोलने में मदद करना था। आईआईटी रुड़की के निदेशक प्रोफेसर अजीत के. चतुर्वेदी ने कहा, कार्यक्रम का शुभारंभ आईआईटी रुड़की के संस्कृत क्लब द्वारा गुरु पूर्णिमा के शुभ दिन पर किया गया था। यह एक भारतीय भाषा के व्यावहारिक ज्ञान रखने वाले दुनिया भर के सभी व्यक्तियों के लिए उपलब्ध था। पूरे पाठ्यक्रम के दौरान वेबएक्स प्लेटफॉर्म और यूट्यूब लाइव के माध्यम से निशुल्क संस्कृत सिखाया गया। 18 वर्ष से 40 वर्ष आयु वर्ग के 20 देशों के लगभग 3000 लोगों ने इस शिक्षण सत्र में भाग लिया। अगले चार पाठ्यक्रम अगस्त 2020 के पहले सप्ताह से शुरू होने वाले हैं।

निशंक समापन सत्र के मुख्य अतिथि रहे। इस दौरान प्रो. सुभाष काक, ओक्लाहोमा स्टेट यूनिवर्सिटी, यूएसए, भारतीय प्रधानमंत्री की विज्ञान प्रौद्योगिकी और नवाचार सलाहकार परिषद के सदस्य और दिनेश कामत, अखिल भारतीय संगठन सचिव, संस्कृत भारती, भी सत्र में अतिथि के रूप में उपस्थित थे।

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