नई दिल्ली। इंफोसिस के चेयरमैन नंदन निलेकणी का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण स्कूलों के बंद होने से शिक्षण संबंधी गतिविधियों के लिये ऑनलाइन माध्यम अपनाया जाना अल्पकालिक समाधान है। स्कूलों को बाधाओं से पार पाते हुये काम करने में सक्षम बनाना होगा। उन्होंने अशोक यूनिवर्सिटी द्वारा आयोजित आभासी संगोष्ठी ‘स्कूलों का भविष्य: कोविड-19 की चुनौतियों एवं अन्य से उबरना’ को संबोधित करते हुए कहा, हमें स्कूलों के बारे में इस तरह से सोचने की जरूरत है कि वे किसी भी मुसीबत में निर्बाध तरीके से काम कर सकें।
उन्होंने कहा, ‘‘क्लासरूम एकमात्र स्थान नहीं होना चाहिये, शिक्षक अकेला मार्गदर्शक नहीं होना चाहिये और पाठ्यक्रम अकेला माध्यम नहीं होना चाहिये।’’ निलेकणी ने कहा, ‘‘हर चीज को तेजी से ऑनलाइन माध्यम पर ले जाया जाना, जूम क्लासेज, स्मार्टफोन के माध्यम से शिक्षण, ये सब ऐसे अल्पकालिक समाधान हैं जो आवश्यक हैं लेकिन पर्याप्त नहीं है। हमें स्कूलों के बारे में मौलिक रूप से नये तरीके से सोचने की जरूरत है और अगले कुछ साल के लिये एक ऐसी टिकाऊ प्रणाली बनाने की जरूरत है जो बाधाओं से पार पाने में सक्षम हो।’’
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