नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोविड-19 की वजह से ऑनलाइन क्लासेज में पढ़ाई के लिये दृष्टिबाधित या श्रवण समस्या से ग्रस्त दिव्यांग छात्रों को ऑनलाइन लर्निंग प्रक्रिया के अनुकूल तैयार करने की व्यवस्था के लिये दायर याचिका पर बुधवार को केन्द्र से जवाब मांगा। न्यायमूर्ति हिमा कोहली और न्यायमूर्ति सुब्रमणियम प्रसाद ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इस मामले की सुनवाई करते हुये मानव संसाधन विकास मंत्रालय और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय को नोटिस जारी किया।
पीठ ने इन मंत्रालय को नोटिस का जवाब देने का निर्देश देते हुये इस मामले को दो जून के लिये सूचीबद्ध कर दिया। केन्द्र सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सरकारी वकील रिपु दमन भारद्वाज ने ये नोटिस स्वीकार किये। यह याचिका कानून के दो छात्रों प्रतीक शर्मा और दीक्षा सिंह ने दायर की है। इन छात्रों का कहना है कि कोविड-19 महामारी की वजह से विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और स्कूलों में छात्रों के लिये ऑनलाइन पढ़ाई की व्यवस्था की गयी है, लेकिन प्राधिकारियों ने दृष्टिबाधित या सुनने की समस्या से ग्रस्त दिव्यांगों की जरूरतों पर ध्यान ही नहीं दिया गया है।
याचिका में ऐसे छात्रों को समुचित सुविधा प्रदान करने के लिये केन्द्र को उचित कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। याचिका में दावा किया गया है कि दिव्यांग छात्रों के प्रति शिक्षा के अधिकार कानून और दिव्यांग व्यक्तियों के अधिकार से संबंधित कानून में प्रदत्त जिम्मेदारियों से सरकार अपना पल्ला झाड़ रही है।
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