नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' ने सोमवार को वेबिनार के माध्यम से देशभर के अभिभावकों एवं छात्रों से संवाद किया और कोविड-19 की वजह से उत्पन्न परिस्थितियों की वजह से उनके मन में उठ रहे विभिन्न सवालों के जवाब दिए। इस वेबिनार संवाद से जम्मू-कश्मीर से लेकर केरल तक और गुवाहाटी से लेकर गुजरात तक लगभग 20,000 अभिभावक जुड़े।
केंद्रीय मंत्री ने अपने वेबिनार संवाद के माध्यम से मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे ऑनलाइन शिक्षा के लिए विभिन्न अभियानों और योजनाओं के बारे में सभी अभिभावकों को अवगत कराया। उन्होनें कहा कि मंत्रालय को अपने छात्रों की शैक्षणिक गतिविधियों की चिंता है। इसी वजह से हमने पहले से चली आ रही विभिन्न योजनाओं को युद्ध स्तर पर लागू किया। इसका लाभ देश के 33 करोड़ छात्र कभी भी और कहीं से भी उठा सकते हैं।
देशभर के अभिभावकों का आभार प्रकट करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, "देश इस समय अभूतपूर्व संकट से गुजर रहा है। अभिभावकों के लिए ये समय और भी मुश्किल हो जाता है क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की पढाई की और भविष्य की चिंता भी सता रही होगी।"
निशंक ने अभिभावकों को विश्वास दिलाया कि मानव संसाधन विकास मंत्रालय छात्रों की पढाई और उनके भविष्य के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।केंद्रीय मंत्री ने कहा, "इस दिशा में मंत्रालय दीक्षा, ई-पाठशाला, मुक्त शैक्षिक संसाधनों का राष्ट्रीय भंडार (एनआरओईआर), स्वयं, डीटीएच चैनल स्वयंप्रभा इत्यादि द्वारा सभी छात्रों की पढाई अनवरत जारी रखने का प्रयास कर रहा है।"
पोखरियाल ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा नीति को सुढृढ़ बनाने के लिए हमने भारत पढ़े ऑनलाइन अभियान की शुरुआत की है, जिसमें देशभर से छात्रों, अभिभावकों और अध्यापकों से सुझाव मांगे गए थे। हमें 10,000 से अधिक सुझाव प्राप्त हुए थे जिस पर मंत्रालय बहुत जल्द दिशानिर्देश लेकर आएगा।
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