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MPhil की डिग्री होगी खत्म, नई एजुकेशन पॉलिसी में सरकार का ऐलान

केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है। साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। सरकार ने नई एजुकेशन पॉलिसी का ऐलान कर दिया है।

<p>new national education policy 2020 main points</p>- India TV Hindi Image Source : TWITTER new national education policy 2020 main points

नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को नई शिक्षा नीति को मंजूरी दे दी है।  साथ ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय का पुन: नामकरण शिक्षा मंत्रालय किया गया है। नई शिक्षा नीति की औपचारिक घोषणा केंद्रीय मंत्रियों प्रकाश जावड़ेकर (Union Minister Prakash Javadekar) और डॉ रमेश पोखरियाल निंशक ने संयुक्त रूप से की। घोषणा के दौरान केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अध्यक्षता आज कैबिनेट की बैठक में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को मंजूरी दी गई है। नया अकादमिक सत्र सितंबर-अक्टूबर में शुरू होने जा रहा है और सरकार का प्रयास पॉलिसी को इससे पहले लागू करने का है।

हायर एजुकेशन में ये सुधार

  • नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में 2035 तक उच्च शिक्षा में 50 प्रतिशत तक एनरोलमेंट का लक्ष्य निर्धारित, फिलहाल लगभग 15 प्रतिशत ही विद्यार्थी हायर एजुकेशन तक पहुंच पाते हैं।उच्च शिक्षा में अब मल्टीपल इंट्री और एग्जिट का विकल्प दिया जाएगा।
  • पांच साल के इंटीग्रेटेड कोर्स करने वालों को एमफिल नहीं करना होगा। अब कॉलेजों के एक्रेडिटेशन के आधार पर ऑटोनॉमी दी जाएगी। मेंटरिंग के लिए राष्ट्रीय मिशन चलाया जाएगा। हायर एजुकेशन के लिए एक ही रेग्यूलेटर रहेगा। अभी यूजीसी, एआईसीटीई शामिल हैं। हालांकि इसमें लीगल एवं मेडिकल एजुकेशन को शामिल नहीं किया जाएगा।
  • सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों को लिए शिक्षा मानक समान रहेंगे। नेशनल रिसर्च फाउंडेशन (एनआरएफ) की स्थापना होगी जिससे रिसर्च और इन्नोवेशन को बढ़वा मिलेगा।
  • शिक्षा में तकनीक का इस्तेमाल बढ़ाया जाएगा, पिछड़े वर्गों को ज्यादा से ज्यादा शिक्षा से जोड़ना लक्ष्य
  • दिव्यांग फ्रेंडली एजुकेशन सॉफ्टवेयर तैयार होंगे
  • क्षेत्रीय भाषाओं में ई-कंटेंट तैयार किए जाएंगे
  • स्कूल, अध्यापक और छात्रों को डिजिटल टेक्नोलॉजी से जोड़ा जाएगा

स्कूली शिक्षा में किए ये बड़े बदलाव:

स्कूल शिक्षा की सचिव ने स्कूलों को लेकर किए गए बदलाव की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि 6-9 वर्ष के जो बच्चे आमतौर पर 1-3 क्लास में होते हैं उनके लिए नेशनल मिशन शुरू किया जाएगा ताकि बच्चे बुनियादी साक्षरता और न्यूमरेसी को समझ सकें। स्कूली शिक्षा के लिए खास करिकुलर 5+3+3+4 लागू किया गया है। इसके तहत 3-6 साल का बच्चा एक ही तरीके से पढ़ाई करेगा ताकि उसकी फाउंडेशन लिटरेसी और न्यमरेसी को बढ़ाया जा सके। इसके बाद मिडिल स्कूल याना 6-8 कक्षा में सब्जेक्ट का इंट्रोडक्शन कराया जाएगा। फिजिक्स के साथ फैशन की पढ़ाई करने की भी इजाजत होगी। कक्षा 6 से ही बच्चों को कोडिंग सिखाई जाएगी।

स्कूल शिक्षा की भाषा में किया गया बड़ा बदलाव:

नई शिक्षा नीति में घरेलू भाषा या स्थानीय भाषा पर भी जोर दिया गया है। नई नीति के अध्याय 4 में बताया गया है कि कम से कम क्लास 5 तक की पढ़ाई का माध्यम घरेलू भाषा/मातृभाषा/स्थानीय भाषा/क्षेत्रीय भाषा होगा.।यानी क्लास 5 तक स्कूल में पढ़ाई का मीडिया स्थानीय या क्षेत्रीय भाषा होगी। इसके अलावा नई नीति में ये भी कहा गया है कि क्लास 5 के बाद क्लास 8 तक या उससे आगे भी रीजनल लैंग्वेज का यही फॉर्मूला लागू किया जाएगा.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020: उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी द्वारा उच्च शिक्षा संस्थानों में प्रवेश के लिए कॉमन एंट्रेंस एग्जाम का ऑफर दिया जाएगा। यह संस्थान के लिए अनिवार्य नहीं होगा।

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