नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने कहा है कि जिन छात्रों ने मेडिकल में प्रवेश के लिए NEET परीक्षा में माध्यम के रूप में तमिल भाषा को चुना, उन्हें तमिलनाडु में ही सेंटर उपलब्ध कराये गए थे और प्रश्नपत्र तमिल में ही दिए गए थे। तमिलनाडु के एक छात्र की परीक्षा केंद्र को लेकर शिकायत के बारे में CBSE के एक अधिकारी ने बताया कि तमिलनाडु के उस छात्र का दावा गलत था कि बोर्ड ने उदयपुर सेंटर जाने के लिए उसे मजबूर किया। छात्र के ऑनलाइन आवेदन के रिकॉर्ड से स्पष्ट होता है कि उसने परीक्षा केंद्र के लिए उदयपुर को एक विकल्प के रूप में चुना था।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के छात्रों को तमिल भाषा में प्रश्नपत्र से वंचित करने की खबर भी गलत पाई गई। जिन छात्रों ने नीट परीक्षा देने के लिए माध्यम के रूप में तमिल भाषा को चुना, उन्हें तमिलनाडु में ही सेंटर उपलब्ध कराए गए थे और प्रश्नपत्र तमिल में ही दिए गए थे। अधिकारी ने बताया कि इस बार नीट परीक्षा देने वाले तमिलनाडु के छात्रों की संख्या में 31 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है और इसी के अनुरूप परीक्षा केंद्रों की संख्या भी बढ़ाई गई है। उन्होंने कहा कि हर जगह परीक्षा केंद्र नहीं बनाए जा सकते हैं, इसके लिए उपयुक्त इमारत और फर्नीचर आदि होने चाहिए। उन्होंने कहा कि इस बार फर्मेसी और मेडिकल कालेजों से भी मदद ली गई।
कई स्थानों पर ड्रेस कोड के अनुपालन को लेकर सख्ती की शिकायतों के बारे में पूछे जाने पर अधिकारी ने बताया,‘हमने उच्चतम न्यायालय के आदेश का अनुपालन किया है। इसमें ड्रेस कोड के बारे में हिदायतें दी गई थी। अतीत में ऐसे मामले आए थे जिसमें कुछ छात्रों को कई तरह के कदाचार में लिप्त पाया गया। इसलिए एहतियात बरती गई।’ उन्होंने कहा कि यह एक सामान्य प्रक्रिया है और ड्रेस कोड के बारे में सभी छात्रों को पता था। जब छात्र फॉर्म भर रहे थे और जब प्रवेश पत्र डाउनलोड कर रहे थे तब छात्रों को इस बारे में जानकारी दी गई थी। इस बारे में छात्रों और अभिभावकों को आकाशवाणी पर ज्ञानवाणी और एसएमएस के माध्यम से भी सूचित किया गया था।
CBSE से प्राप्त जानकारी के अनुसार, छात्रों को करीब 1.33 करोड़ एसएमएस भेजे गए। इसके अलावा भी विभिन्न माध्यमों से अभिभावकों को भी सूचित किया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि छात्र बोर्ड के निर्देशों का पालन करें। NEET परीक्षा में इस वर्ष 1,46,542 छात्रों ने हिन्दी में, 10,60,923 छात्रों ने अंग्रेजी में, 57,299 छात्रों ने गुजराती में, 1,169 छात्रों ने मराठी में, 279 छात्रों ने ओडिया में, 27,437 छात्रों ने बांग्ला में, 3,848 छात्रों ने असमिया में, 1,979 छात्रों ने तेलगू में, 24,720 छात्रों ने तमिल में, 818 छात्रों ने कन्नड़ में और 1,711 छात्रों ने उर्दू में परीक्षा दी।
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