NEET 2018 : मद्रास उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने NEET की परीक्षा देने वाले तमिल मीडियम के छात्रों को पूरक अंक दिए जाने की मांग करने वाली याचिका को स्थगित कर दिया है। न्यू इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक, CBSE, केंद्र और राज्य सरकार की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए पीठ ने कहा कि छात्रों को बोर्ड की ओर से साफतौर पर यह बताया गया था कि स्थानीय भाषा में सवाल में अस्पष्टता की दशा में अंग्रेजी भाषा के सवाल को अंतिम माना जाएगा। गौरतलब है कि 6 मई को आयोजित की गई NEET 2018 की परीक्षा में लभगग 13 लाख छात्र शामिल हुए थे।
न्यायमूर्ति सीटी सेल्वम और एएम बशीर अहमद की पीठ ने बोर्ड की आलोचना करते हुए कहा कि सवालों में गलतियां महज अस्पष्टता नहीं है। जजों ने बोर्ड से यह पूछते हुए फटकार लगाई कि क्या परीक्षा में तमिल छात्रों के अंक अंग्रेजी में उनकी कुशलता पर निर्भर है। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि PIL आंसर कीज के जारी होने के पहले ही दायर करनी चाहिए थी। CBSE ने NEET 2018 की आंसर कीज 25 मई को जारी कर दी थी। इसके बाद परीक्षार्थी 27 मई तक आंसर कीज, OMR सीट या टेस्ट बुकलेट कोड पर अपनी आपत्ति दर्ज करा सकते थे।
NEET के इस बार आए पेपर में कठिनाई के स्तर को देखते हुए विशेषज्ञों ने कट ऑफ में गिरावट का सुझाव दिया था। यह याचिक राज्यसभा सदस्य टीके रंगराजन द्वारा दायर की गई थी जिन्होंने कहा था कि NEET पेपर के तमिल संस्करण में कम से कम 49 गलतियां थीं। उन्होंने कहा था कि तमिल प्रश्नपत्र में कई महत्वपूर्ण शब्दों का गलत अनुवाद किया गया था जिसके चलते परीक्षार्थियों के मन में भ्रम पैदा हुआ।
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