A
Hindi News एजुकेशन न्‍यूज 'अनुच्छेद 370' हटाए जाने का पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ा

'अनुच्छेद 370' हटाए जाने का पाठ स्कूली पाठ्यक्रम में जोड़ा

राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी ने 12वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर एक अध्याय जोड़ा गया है।

<p>NCERT adds scrapping of Article 370 to Class 12 textbook...- India TV Hindi Image Source : PTI NCERT adds scrapping of Article 370 to Class 12 textbook chapter

नई दिल्ली। राष्ट्रीय शैक्षणिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद यानी एनसीईआरटी ने 12वीं के पाठ्यक्रम में बदलाव किया है। राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में जम्मू- कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने पर एक अध्याय जोड़ा गया है। साथ ही जम्मू-कश्मीर में अलगाववाद की राजनीति से जुड़ा पैराग्राफ हटा दिया गया है। एनसीईआरटी के मुताबिक, 12वीं कक्षा के राजनीति विज्ञान के पाठ्यक्रम में संशोधन से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी राजनीति पर पैराग्राफ को हटाया गया है। पाठ्यक्रम में पिछले वर्ष जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का उल्लेख है।

एनसीईआरटी के अनुसार, अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के विषय को 'क्षेत्रीय आकांक्षाओं' के तहत पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है, और ये सभी बदलाव केवल इसी वर्ष के लिए हैं।एनसीईआरटी ने मौजूदा शैक्षणिक वर्ष के लिए 9वीं से 12वीं कक्षा का पाठयक्रम 30 प्रतिशत कम करने का निर्णय लिया है। कोरोनावायरस के कारण यह फैसला लिया गया है। इसके अंतर्गत कक्षा 9 से 12वीं तक के सभी विषयों के सिलेबस में कटौती की गई है।

पाठ्यक्रम में सीबीएसई द्वारा की गई इस कटौती का असर 11वीं कक्षा में पढ़ाए जाने वाले संघीय ढांचा, राज्य सरकार, नागरिकता, राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता जैसे अध्याय पर दिखेगा। सीबीएसई ने इन सभी अध्यायों को मौजूदा एक वर्ष के लिए सिलेबस से हटा दिया है।

वहीं 12वीं कक्षा के छात्रों को अब इस मौजूदा वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था का बदलता स्वरूप, नीति आयोग, जीएसटी जैसे विषय नहीं पढ़ाए जाएंगे। यह कटौती केवल मौजूदा शैक्षणिक वर्ष तक सीमित रहेगी।हालांकि अब इस पर जमकर राजनीति भी हो रही है। दिल्ली सरकार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी सीबीएसई के इस कदम पर प्रश्न उठाए हैं।

एक वर्ष के लिए पाठ्यक्रम में किए गए इस बदलाव के उपरांत विभिन्न व्यक्तियों और राज्य सरकारों द्वारा प्रश्न खड़े किए गए हैं। केंद्रीय मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने इनके जवाब में कहा, सिलेबस में कटौती को लेकर बिना जानकारी के कई तरह की बातें कही जा रही हैं। ये मनगढं़त बातें केवल सनसनी फैलाने के लिए की जा रही हैं। शिक्षा में राजनीति नहीं होनी चाहिए, शिक्षा को इससे दूर रखना चाहिए।

Latest Education News