नई दिल्ली। फिल्म समीक्षक भावना सोमाया द्वारा अनूदित प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पुस्तक 'लेटर्स टू मदर' इस साल जून में हार्पर कॉलिन्स प्रकाशक द्वारा ई-बुक और हार्डबैक के रूप में जारी की जाएगी। एक युवा शख्स के रूप में, मोदी को हर रात 'देवी मां' को एक पत्र लिखने की आदत थी, जिन्हें वह 'जगत जननी' कहते हैं।हालांकि, हर कुछ महीनों के बाद, मोदी पन्नों को फाड़ देते थे और आग के हवाले कर देते थे, लेकिन एक डायरी के कुछ पन्ने सुरक्षित रह गया, जिसे उन्होंने 1986 में लिखा था।
मोदी ने किताब के बारे में कहा, "यह साहित्यिक लेखन में एक प्रयास नहीं है, इस पुस्तक में पेश किए गए अंश मेरे अवलोकन और कभी-कभी अपरिवर्तित विचारों के प्रतिबिंब हैं, जो बिना किसी परिवर्तन के व्यक्त किए गए हैं .. मैं लेखक नहीं हूं, हम में से अधिकांश नहीं हैं, लेकिन हर कोई अभिव्यक्ति चाहता है, और जब इसे जाहिर करने का आग्रह प्रबल हो जाता है, तो कलम और कागज लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं होता, जरूरी नहीं कि लिखना हो लेकिन आत्मचिंतन करने और दिल व दिमाग में क्या हो रहा है और क्यों हो रहा है, इसके लिए करना होता है।"2017 में पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त करने वाली और सिनेमा पर कई किताबें लिख चुकीं भावना सोमाया ने कहा कि मेरे विचार से, एक लेखक के रूप में नरेंद्र मोदी की ताकत उनका भावनात्मक हिस्सा है।
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