सोनीपत। ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का नव-स्थापित नौवां स्कूल, जिंदल स्कूल ऑफ एनविरॉनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी (जेएसईएस) ने अपने स्नातक छात्रों के अवसरों के विस्तार के लिए 20 अंतर्राष्र्ट्ीय और भारतीय संगठनों के साथ सहयोग (भागीदारी) किया है। विश्वविद्यालय ने मंगलवार को कहा कि यह सहयोग छात्रों को काम के अनुभव के माध्यम से पारिस्थितिकी और संरक्षण के मुद्दों की व्यावहारिक समझ प्राप्त करने में सक्षम बनाएगा। विश्वविद्यालय ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप इंटर्नशिप और प्लेसमेंट के अवसर भी पैदा होंगे।
जेएसईएस के डीन आर्मिन रोसेंक्रांज ने एक बयान में कहा, जेएसईएस ने जिन संगठनों के साथ ये सहयोग स्थापित किए हैं, वे पर्यावरण और स्थिरता के क्षेत्र में अग्रणी हैं और पर्यावरण अध्ययन में बीए (ऑनर्स) करने वाले छात्रों के लिए अनुभवात्मक सीखने को बढ़ावा देने में मदद करेंगे।वर्ल्ड वाइल्डलाफ फंड, पैसिफिक एनविरॉनमेंट, वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टीट्यूट, एम.सी. मेहता फाउंडेशन, एनविरॉनमेंट सपोर्ट ग्रुप, ग्लोबल पॉलिसी इनसाइट्स, टॉक्सिक्स लिंक्स, टैगोर सोसाइटी फॉर रूरल डेवलपमेंट, नवदान्य फाउंडेशन, इंडियन काउंसिल फॉर एनविरो-लीगल एक्शन उन संगठनों में शामिल हैं, जिन्होंने जेएसईएस के साथ साझेदारी की है।
इसके अलावा अन्य 10 संगठन हैं -दिल्ली ग्रीन्स, एनविपोल, ग्रीन मुनिया, धिवे-रिसर्च, यूनिको, सेंटर फॉर साइंस एंड एनविरॉनमेंट, राजपूताना सोसाइटी ऑफ नेचुरल हिस्ट्री, फ्यूचर ग्रुप - सीएसआर, हुंडई इलेक्ट्रिक और डायरेक्टोरेट ऑफ एनविरॉनमेंट एंड क्लाइमेट चेंज।संस्थान के डीन ने कहा, यह एक ऐतिहासिक पहल है, जो जिंदल स्कूल ऑफ एनविरॉनमेंट एंड सस्टेनेबिलिटी द्वारा प्रोत्साहित की गई है।
उन्होंने कहा, शायद ही कभी विश्वविद्यालयों की दुनिया में एक नए स्कूल ने अपने स्नातक छात्रों के लिए स्कूल के शुरू होने के समय ऐसा अवसर विकसित किया है।जेएसईएस को 2019 में पर्यावरण शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्थापित किया गया था। इसके नव स्थापित बीए (ऑनर्स) पर्यावरण अध्ययन के लिए सितंबर 2020 में कक्षाएं शुरू होंगी।
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