नई दिल्ली। हरियाणा के सोनीपत स्थित ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी के जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियोरल साइंसेज ने सोमवार को वैश्विक अकादमिक प्रकाशक स्प्रिंगर नेचर ग्रुप सिंगापुर के साथ पुस्तकों के सह-प्रकाशन, मोनोग्राफ और पुस्तकों के संपादन के सहयोग के लिए एक समझौते की घोषणा की। इस समझौते के अनुसार, दोनों पक्ष व्यवहार विज्ञान (बिहेवियरल साइंसेज) में सह-प्रकाशन कार्य के लिए अवसर तलाशेंगे, लेकिन यह संस्थान द्वारा प्रकाशित की जाने वाली पुस्तकों के व्यक्तिगत शीर्षक, श्रंखला के शीर्षक (सीरीज टाइटल) और पुस्तकों के नए संस्करणों तक ही सीमित नहीं होंगे, बल्कि इसमें अन्य कार्य भी शामिल होंगे, जो इन श्रेणियों में नहीं आते हैं।
संस्थान इस समझौते के तहत स्प्रिंगर द्वारा प्रकाशित कार्यों के कॉपीराइट का अनन्य स्वामी (एक्सक्लूसिव ऑनर) भी बना रहेगा।बदले में, स्प्रिंगर नेचर के पास पूरे विश्व में जिंदल इंस्टीट्यूट ऑफ बिहेवियोरल साइंसेज (जेआईबीएस) के सह-प्रकाशनों को बेचने और वितरित करने के लिए विशेष अधिकार होंगे। जेआईबीएस के प्रमुख निदेशक प्रोफेसर संजीव पी. साहनी ने कहा कि यह सहयोग संस्थान के युवा शोधकर्ताओं को अंतर्राष्ट्रीय अकादमिक आदान-प्रदान में शामिल होने और उनके शोध को प्रकाशित करने के लिए एक मजबूत मंच प्रदान करेगा। साहनी ने जेआईबीएस की ओर से इस समझौते पर हस्ताक्षर किए।
जेआईबीएस ने कहा कि इस समझौते का उद्देश्य अंतराष्र्ट्ीय स्तर पर एक अग्रणी शोध संस्थान बनने के लिए अपनी शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए वैश्विक अकादमिक और अनुसंधान उत्कृष्टता हासिल करना है।साहनी ने कहा, स्प्रिंगर नेचर द्वारा उपलब्ध कराए गए मजबूत और बहुस्तरीय नेटवर्क की मदद से हमारे संस्थान में हमारे द्वारा उत्पादित गुणवत्ता अनुसंधान के व्यापक प्रसार की दिशा में यह एक महत्वपूर्ण कदम है।
स्प्रिंगर 175 वर्ष से चल रहे प्रसिद्ध वैश्विक प्रकाशक स्प्रिंगर नेचर का हिस्सा है, जो शोध के क्षेत्र में कार्य करता है और उसका समर्थन करता है। इस समझौते से दोनों पक्षों द्वारा आपसी हित के विषयों पर आयोजित किए जाने वाले संयुक्त कार्यक्रमों और प्रदर्शनियों का मार्ग भी प्रशस्त होगा, जिसमें अकादमिक लेखन, शिक्षा और अन्य अनुसंधान उन्मुख गतिविधियां शामिल हैं। 22 अप्रैल, 2014 को स्थापित, जेआईबीएस ओ. पी. जिंदल ग्लोबल यूनिवर्सिटी का एक मूल्य-आधारित अनुसंधान संस्थान है। यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली (एसीयूएनएस) पर अकादमिक परिषद का सदस्य है।
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