गुजरात कॉन्स्टेबल भर्ती: पेपर लीक होने के चलते परीक्षा हुई रद्द, कांग्रेस ने भाजपा को घेरा
गुजरात पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक होने के बाद रविवार को रद्द कर दी गई।
अहमदाबाद: गुजरात पुलिस कॉन्स्टेबल भर्ती की लिखित परीक्षा पेपर लीक होने के बाद रविवार को रद्द कर दी गई। परीक्षा शुरू होने से कुछ ही घंटे पहले यह फैसला लिया गया। अधिकारियों ने बताया कि करीब 8 लाख 75 हजार उम्मीदवारों को अपराह्न 3 बजे शुरू होने वाली परीक्षा में बैठना था जो गुजरात के 2 हजार 440 केंद्रों पर आयोजित होनी थी। इस घटना का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने राज्य के गृह विभाग को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिये हैं।
वहीं दूसरी ओर विपक्षी कांग्रेस ने मांग की कि इस घटना की जांच हाई कोर्ट के एक मौजूदा जज के नेतृत्व वाली SIT से कराई जाए। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस घटना में ‘सत्तारूढ़ पार्टी के लोग’ शामिल हैं। परीक्षा कराने वाली संस्था लोकरक्षक भर्ती बोर्ड के अध्यक्ष विकास सहाय ने बताया कि पर्चा लीक होने की बात सामने आते ही कुछ घंटे पहले परीक्षा रद्द कर दी गई। सहाय ने कहा, ‘किसी ने मुझे जवाबों की एक सूची भेजी, जो परीक्षा के लिये तय किए गए सवालों के जबाव थे। यह स्पष्ट होने के बाद कि पर्चा लीक हो गया है, हमने परीक्षा रद्द कर दी।’
उन्होंने कहा कि मामले की जांच के लिए पुलिस टीम गठित की जाएगी। सहाय ने कहा कि, अभी हमें यह नहीं पता चला है कि पर्चा कहां से लीक हुआ। हमने हर जिले में पर्चा रखने की जगह पर सीसीटीवी कैमरे लगाये हुए थे और सुरक्षा गार्ड भी तैनात किये थे। परीक्षा रद्द होने पर विपक्षी कांग्रेस ने भाजपा सरकार की आलोचना की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि राज्य सरकार ‘युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रही है। हमारी सूचना के अनुसार इसके पीछे सत्तारूढ़ पार्टी के लोग शामिल हैं।’
उन्होंने कहा,‘इस मामले की जांच उच्च न्यायालय के मौजूदा न्यायाधीश के नेतृत्व वाली एसआईटी से कराये जाने पर ही हम यह उम्मीद कर सकते हैं कि दोषियों को सजा मिलेगी। केवल तभी हम उम्मीद कर सकते हैं कि ऐसी घटनाएं भविष्य में दोबारा नहीं होंगी।’ एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने गृह विभाग को तत्काल कार्रवाई किये जाने के निर्देश दिये हैं। इस बीच, उम्मीदवारों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों में इस घटना के विरोध में सड़कों को जाम किया और टायर जलाये।