नयी दिल्ली।अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) के नए नियम मसौदे में कहा गया है कि छात्र शिकायत निवारण समिति (एसजीआरसी) की सिफारिशों का पालन नहीं करने वाले इंजीनियरिंग कॉलेजों तथा अन्य तकनीकी संस्थानों की मान्यता और संबद्धता वापस ली जा सकती है तथा उनको मिलने वाले अनुदान पर रोक लगाई जा सकती है। तकनीकी शिक्षा नियामक ने ‘अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (छात्र शिकायत निवारण) नियम 2019’ का मसौदा तैयार किया है जो एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त तकनीकी संस्थानों के छात्रों की शिकायतों के प्रभावी समाधान पर केंद्रित है।
मसौदे के संबंध में विभिन्न हितधारकों से 20 अगस्त से पहले फीडबैक और परामर्श मांगा गया है। इसमें कहा गया है कि यदि कोई तकनीकी संस्थान प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी या छात्र शिकायत निवारण समिति की सिफारिशों की जानबूझकर अवज्ञा करता है या ऐसी सिफारिशों का पालन करने में बार-बार विफल रहता है तो परिषद कार्रवाई करेगी। मसौदे में कहा गया है कि कार्रवाई के तहत संबंधित संस्थान की मान्यता वापस लेने, संस्थान की उपयुक्तता या अनुदान लेने संबंधी पात्रता घोषणापत्र वापस लेने या परिषद से मिलने वाली वित्तीय सहायता और संस्थान को मिलने वाले किसी अनुदान को रोकने संबंधी कदम उठाए जा सकते हैं।
नियमों के मुताबिक एआईसीटीई से मान्यताप्राप्त किसी भी संस्थान को अपने यहां छात्र शिकायत निवारण समिति बनानी होगी और किसी असंतुष्ट छात्र से संस्थान के संबंध में मिली शिकायत को समिति के पास भेजनी पड़ेगी जिसे सिफारशों के साथ अपनी रिपोर्ट 15 दिन के भीतर देनी होगी। संस्थानों से कहा गया है कि वे एसजीआरसी के संबंध में सभी उपयोगी सूचना अपनी वेबसाइट और विवरण पत्रिका में प्रमुखता से दें तथा अपील के उद्देश्य से प्रशासनिक शिकायत जांच अधिकारी का विवरण भी दें।
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