नई दिल्ली। सरकार ने कहा है कि अनुसूचित जनजाति बहुल इलाकों में आदिवासी समुदाय के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुविधा मुहैया कराने के लिये नवोदय विद्यालयों की तर्ज पर ‘एकलव्य विद्यालय’ जल्द ही खोले जायेंगे। जनजातीय कार्य राज्यमंत्री रेणुका सिंह सरुता ने बृहस्पतिवार को राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान एक सवाल के जवाब में बताया कि देश के सुदूरवर्ती इलाकों में एकलव्य आवासीय विद्यालय शुरु किये हैं।
इसके तहत देश भर में स्वीकृत 438 एकलव्य मॉडल स्कूलों में से 282 स्कूल संचालित हो रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि 50 प्रतिशत से अधिक आदिवासी आबादी वाले जिलों या 20 हजार से अधिक आदिवासी आबादी वाले ब्लॉक में एकलव्य मॉडल विद्यालय खोले जायेंगे। सरुता ने बताया कि ऐसे 594 आदिवासी बहुल ब्लॉक चिन्हित कर लिये गये हैं और इनमें नवोदय विद्यालय की तर्ज पर अगले शैक्षिक सत्र से एकलव्य विद्यालय शुरु किये जायेंगे।
उन्होंने बताया कि सरकार ने पूर्वोत्तर राज्यों, दूरदराज के पर्वतीय क्षेत्रों और नक्सली हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों में इन विद्यालयों के निर्माण के लिये राज्यों को दी जाने वाली राशि में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी कर प्रति स्कूल 20 करोड़ रुपये कर दिया है। एक पूरक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बताया कि झारखंड में 46 एकलव्य विद्यालय स्वीकृत किये गये हैं।
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