दूरदराज के छात्रों को ऑन एयर माध्यमों से मिल रही है शिक्षा
ऐसे छात्र जिनके पास इंटरनेट का कनेक्शन अथवा इलाके में इंटरनेट की सुचारू उपलब्धता नहीं है।
नई दिल्ली। ऐसे छात्र जिनके पास इंटरनेट का कनेक्शन अथवा इलाके में इंटरनेट की सुचारू उपलब्धता नहीं है। उनको भी घर बैठे शिक्षा मुहैया कराने की व्यवस्था की गई है। ग्रामीण, दूरदराज के इलाकों में रहने वाले ऐसे छात्रों को शिक्षा मुहैया कराने के लिए सरकार का जोर ऑनलाइन की जगह ऑन एयर माध्यमों पर है। इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने बकायदा केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के साथ एक गठजोड़ भी किया है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, "एचआरडी हर छात्र तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है। मेरा मानना है कि सीखने की उत्सुकता इंटरनेट की गैर-उपलब्धता तक सीमित नहीं हो सकती है। इस प्रकार, डिजिटल डिवाइड को खत्म करने के लिए, एमएचआरडी ने डीटीएच प्लेटफार्म पर टाटा स्काई और एयरटेल डीटीएच ऑपरेटरों को स्वयं प्रभा चैनलों को प्रसारित करने के लिए सूचना और प्रसारण मंत्रालय के साथ करार किया है। इससे पहले स्वयं चैनल डीडी, डिश टीवी और जियो एप टीवी पर उपलब्ध थे।"
24 मार्च से अब तक शिक्षा के आन एयर प्लेटफॉर्म को 61 करोड़ हिट्स मिले हैं।स्वयं प्रभा चैनलों पर सभी पाठ्यक्रम सामग्री एनसीईआरटी, एनपीटीईएल, आइआइटी, यूजीसी, सीईसी, इग्नू और एनआइओएस द्वारा प्रदान की जाती है। अब भारत में कहीं भी छात्र इन चैनलों के लिए डीटीएच सेवा प्रदाता से अनुरोध कर सकते हैं। आन एयर की मदद से बिना किसी अतिरिक्त लागत के इस कठिन परिस्थिति में घर बैठे छात्र बिना इंटरनेट के शिक्षा हासिल कर सकते हैं।
स्वयं प्रभा 32 डीटीएच चैनलों का एक समूह है जो सभी शिक्षकों को कला, विज्ञान, वाणिज्य, प्रदर्शन कला, सामाजिक विज्ञान और मानविकी विषयों, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी, कानून, चिकित्सा, कृषि आदि जैसे विविध विषयों को कवर करने वाले उच्च गुणवत्ता वाले शैक्षिक पाठ्यक्रम आधारित पाठ्यक्रम सामग्री प्रदान करता है।
केंद्रीय मंत्री निशंक ने कहा, "हम छात्रों को पाठ्यक्रम को हस्तांतरित करने के लिए ऑल इंडिया रेडियो के विकल्प का उपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। अधिक रणनीति और योजनाएं विकसित की जा रही हैं, इन्हें जल्द ही लागू किया जाएगा। हम दूरदर्शन का उपयोग करने का भी प्रयास कर रहे हैं।"
केंद्रीय विद्यालयों की ऑनलाइन क्लासेज केंद्रीय विद्यालयों का संचालन केंद्र सरकार ही करती है। केंद्रीय विद्यालयों ने बच्चों के लिए इन पोर्टलों के अलावा यूट्यूब चैनल और फेसबुक प्रोफाइल भी क्रिएट किए हैं जहां से हर दिन ऑनलाइन क्लासेज ली जा सकती हैं। वहीं विभिन्न राज्यों में छात्रों को शिक्षा प्रदान करने की प्राथमिक जिम्मेदारी राज्य सरकार एवं संबंधित शिक्षण संस्थानों की है।