मानव संसाधन विकास मंत्री की प्राइवेट स्कूलों से अपील, कहा- लॉकडाउन में फीस न बढ़ाए
केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस और लॉकडाउन के इस दौर में प्राइवेट स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कोरोनावायरस और लॉकडाउन के इस दौर में प्राइवेट स्कूलों से फीस न बढ़ाने की अपील की है। इसके साथ ही स्कूलों को सलाह दी गई है कि वे एक साथ तीन महीने की फीस न वसूलें। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों से अभिभावकों एवं स्कूलों के हितों में सामंजस्य स्थापित करने को कहा है। देश के विभिन्न हिस्सों से अभिभावक लगातार इस विषय पर केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को अपनी याचिकाएं भेज रहे हैं। अभिभावकों की चिंता का मुख्य विषय प्राइवेट स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस इकट्ठा जमा करवाने का फरमान है।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा, देश भर से कई अभिभावकों द्वारा मेरे संज्ञान में यह बात लाई गई है कि इस संकट के समय में भी कई स्कूल अपनी सालाना फीस में वृद्धिऔर तीन महीने की वर्तमान फीस एक साथ ले रहे हैं। इस वैश्विक आपदा के समय मेरा सभी स्कूलों से निवेदन है कि सालाना स्कूल फीस वृद्धि और तीन महीने की फीस एक साथ न लेने पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें।
उन्होंने कहा, मैं सभी राज्यों के शिक्षा विभागों से यह आशा करता हूं कि वे संतोषजनक तरीके से अभिभावकों और स्कूलों के हितों के संरक्षण की दिशा में बेहतर सामंजस्य स्थापित कर रहे होंगे। गौरतलब है कि दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने शुक्रवार को एक आदेश जारी किया है। इस आदेश में कहा गया है कि कोई भी प्राइवेट स्कूल छात्रों से एक महीने की ट्यूशन फीस से अधिक रकम नहीं लेगा। इसके साथ ही कोई भी प्राइवेट स्कूल फीस में बढ़ोतरी नहीं कर सकेगा। ट्यूशन फीस प्रत्येक महीने के हिसाब से जमा करवानी होगी। स्कूल तीन महीने की ट्यूशन फीस एक साथ नहीं ले सकेंगे।
राज्य सरकारों द्वारा जारी किए जा रहे इस प्रकार के निर्देशों पर निशंक ने कहा, मुझे खुशी है कि कुछ राज्यों ने इस पर सकारात्मक कदम उठाए हैं। मैं उनकी इस पहल की सराहना करता हूं एवं आशा करता हूं कि सभी राज्य उपरोक्त अनुरोध पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेंगे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने भी इस महामारी के समय मानवीय मूल्यों को प्राथमिकता देने का आग्रह किया है, इस परिप्रेक्ष्य में आशा है कि सभी स्कूल अपने टीचर्स और पूरे स्टाफ को समय पर सैलरी उपलब्ध कराने की चिंता कर रहे होंगे।