नई दिल्ली। कोरोनावायरस संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है और इस वजह से पीएचडी और एमफिल व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्रों की समस्याओं को कम करने के लिए ई-प्लेटफार्म 'शोध सिंधु' लाया गया है। शोध सिंधु के माध्यम से छात्रों को हजारों जर्नल और लाखों पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय के मुताबिक ई- प्लेटफार्म शोध सिंधु के माध्यम से छात्र को 10,000 राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय जर्नल और 31 लाख 35 हजार पुस्तकों उपलब्ध कराई गई हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने अपने एक ट्वीट के माध्यम से कहा, "शोध कर रहे छात्रों के लिए लाइब्रेरी आवश्यक है, लेकिन लॉक डाउन के दौरान यह संभव नहीं है। इसलिए अब उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को शोध सिंधु के माध्यम से एक ऐसा प्लेटफार्म मुहैया कराया गया है जहां उन्हें उच्च गुणवत्ता वाली शोध मिल सके।"
गौरतलब है कि लॉकडाउन के कारण छात्रों की सभी प्रयोगशाला बंद हैं। इसके साथ ही कई एमफिल और पीएचडी छात्रों को इसी महीने अपनी थीसिस भी जमा करवानी थी।पीएचडी की छात्रा नूपुर ने कहा, "पीएचडी तथा एम. फिल के रिसर्चर को अपनी थीसिस जमा करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। यूजीसी के नियमानुसार और दिल्ली विश्वविद्यालय के अध्यादेशों के मुताबिक शोध की डिग्री प्राप्त करने के लिए कई शोधार्थियों को सेमिनार, थीसिस जमा करवाना होता है।"
जानकारी के मुताबिक अब ऐसे छात्रों के लिए थीसिस जमा कराने का समय 3 महीने तक के लिए बढ़ाया जा सकता है।दिल्ली विश्वविद्यालय की कार्यकारी परिषद के सदस्य वी. एस. नेगी ने विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ( यूजीसी) के अध्यक्ष प्रो. डी. पी. सिंह को पीएचडी एवं एम फिल शोधार्थियों के हितों को ध्यान में रखते हुए एक पत्र लिखा है और सभी शोधार्थियों को पीएच.डी और एम फिल थीसिस जमा करने के लिए और छह महीने का विस्तार कर देने का अनुरोध किया गया है।
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