नई दिल्ली। दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने सोमवार (4 नवंबर) को 96 वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति योगेश त्यागी के अनुसार इस दीक्षांत समारोह में तीन लाख से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई, जो अपने आप में एक रिकॉर्ड उपलब्धि है। बताया जा रहा है कि इससे पहले इतने छात्रों को एक साथ कभी भी डिग्री प्रदान नहीं कि गई। पिछले वर्ष 2 लाख के करीब छात्रों को डिग्री प्रदान की गई थी।
मुख्य अतिथि मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' की उपस्थिति में दीक्षांत समारोह में 300 से अधिक छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। विश्वविद्यालय ने 305 मेडल के साथ 592 डॉक्टरेट की उपाधि, 86 छात्रों को D.M/M.Ch की डिग्री व्यक्तिगत रूप से प्रदान की गई। इस दीक्षांत समारोह में दो शैक्षणिक वर्षों (2017-18 और 2018-19) के लिए डिग्री प्रदान की गई, यही कारण है कि छात्रों ने परिणामों की घोषणा से पांच महीने के भीतर अपनी डिग्री प्राप्त की।
पोखरियाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, दिल्ली विश्वविद्यालय 2022 में अपनी स्थापना के 100 साल पूरे करने जा रहा है। हमें विश्व स्तरीय शिक्षा प्रदान करने के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिये लंबा सफर तय करना है।
कुलपति योगेश त्यागी ने कहा कि इस बार रिकॉर्ड तीन लाख से अधिक छात्रों को डिग्री प्रदान की गई है, जो अपने आप में बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने यह भी घोषणा की कि विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह पर फैसला करने के लिए एक समिति बनाई जाएगी। दीक्षांत समारोह में 700 छात्र मौजूद रहे और इनमें से 300 से अधिक छात्रों को स्वर्ण पदक प्रदान किए गए। कुलपति ने कहा कि सीपीडब्ल्यूडी के साथ डीयू ने 12 करार किए हैं। इस करार के जरिय कई इमारतों एवं इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया जाएगा, साथ ही नजफगढ़ में भी नया कैंपस बनाया जाएगा।
कुलपति ने कहा कि प्रतिष्ठित छात्र पत्रकार रजत शर्मा को कैंपस विकास समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। डीयू की तरफ से पूर्व छात्र रजत शर्मा और पूर्व छात्र गुरु गोबिंद सिंह विश्वविद्यालय इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय (जिजीएसआईपीयू) के कुलपति महेश वर्मा को भी समारोह में सम्मानित किया गया।
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