अब अनाथालयों के बच्चे भी करेंगे ऑनलाइन पढ़ाई
उत्तर प्रदेश में अनाथालयों में रहने वाले बच्चे भी हाईटेक स्कूलों की तरह अब ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे।
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में अनाथालयों में रहने वाले बच्चे भी हाईटेक स्कूलों की तरह अब ऑनलाइन पढ़ाई कर सकेंगे। इसके लिए प्रदेश के युवा आईएएस अफसर प्रशांत शर्मा ने खास पहल की है। उन्होंने पत्नी पॉलोमी पाविनी शुक्ला के साथ मिलकर लखनऊ के अनाथालयों के लिए कुल 27 स्मार्ट टीवी की व्यवस्था कर दी। उन्होंने शनिवार को महिला कल्याण विभाग की प्रमुख सचिव वीणा कुमारी को सभी स्मार्ट टीवी उपलब्ध करा दी।
खास बात है कि इंफार्मेंशन एंड टेक्नोलॉजी(आईटी) से बीटेक कर चुके प्रशांत शर्मा इन अनाथालयों में खुद ऑनलाइन एजूकेशन का सेटअप बैठाने से लेकर ट्रेनिंग आदि की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। लॉकडाउन में अनाथालयों को ऑनलाइन एजूकेशन से जोड़ने की इस पहल को सराहा जा रहा है।
महिला कल्याण विभाग की ओर से लखनऊ में किशोर न्याय से जुड़े 29 केंद्र संचालित हैं। इसमें आठ सरकारी हैं तो 21 केंद्रों का संचालन एनजीओ करते हैं। इन संस्थाओं में ज्यादातर अनाथ, या फिर देखरेख की जरूरत वाले बच्चे रहते हैं। संसाधनों के अभाव के कारण इन संस्थाओं में अब तक ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था नहीं है। जबकि मौजूदा समय कोविड 19 और लॉकडाउन के कारण स्कूल-कॉलेजों में ऑनलाइन एजूकेशन पर जोर दिया जा रहा है।
इसे देखते हुए 2012 बैच के आईएएस प्रशांत शुक्ला, उनकी पत्नी पॉलोमी पाविनी शुक्ला ने इन अनाथालयों में भी ऑनलाइन पढ़ाई शुरू कराने की पहल की। उन्होंने कुछ समाजसेवी लोगों को इस पहल से जोड़कर 27 स्मार्ट टीवी की व्यवस्था की। प्रशांत और पॉविनी ने टीवी के अलावा अनाथालयों में ब्रांडबैंड इंटरनेट की व्यवस्था करने के साथ ऑनलाइन एजूकेशन की ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है।
आईएएस प्रशांत शर्मा ने आईएएनएस से कहा, "हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध कराने पर जोर दिया है। संसाधनों के अभाव में इन बच्चों को ऑनलाइन शिक्षा का अवसर नहीं उपलब्ध हो पाता। इसलिए कुछ निजी स्तर से और कुछ जनसहयोग के स्तर से इन अनाथालयों को स्मार्ट टीवी, इंटरनेट आदि सुविधाओं से लैस किया जा रहा है ताकि यहां रहने वाले सभी बच्चे भी ऑनलाइन शिक्षा हासिल कर सकें।"
प्रशांत शर्मा की पत्नी पॉलोमी पाविनी शुक्ला दिल्ली हाई कोर्ट में वकील हैं। वह अनाथ बच्चों के लिए काफी समय से कानूनी लड़ाई भी लड़ रहीं हैं। अनाथ बच्चों को आरक्षण और सरकारी योजनाओं में बराबर भागीदारी देने की मांग वाली उनकी याचिका सुप्रीम कोर्ट में अभी विचाराधीन है। पति, पत्नी दोनों लखनऊ के अनाथालयों से काफी समय से जुड़े रहे हैं।
पॉलोमी पाविनी शुक्ला कुछ साल पहले अनाथ बच्चों पर चर्चित किताब 'वीकेस्ट ऑन अर्थ- आर्फेन्स ऑफ इंडिया' लिख चुकीं हैं, जिसे मशहूर प्रकाशन ब्लूम्सबरी ने प्रकाशित किया था। आईएएस प्रशांत शर्मा की पहल पर अनाथालयों में ऑनलाइन शिक्षा व्यवस्था उपलब्ध कराने में निलय रस्तोगी, सैफी युनूस, सार्थक रस्तोगी, संजीत सिंह, हरशीना तलवार, राघव, हसीन खान, कुणाल, करनपाल, नंदेश, रितेश, अमित, सुमित, वरुण, लखनऊ राउंड टेबल संगठन, रितेश तिवारी आदि ने भी पहल की है।