संसद में केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक पारित होकर अधिनियम बनने का संस्कृत संस्थानों के कुलपतियों ने स्वागत किया है और सरकार के इस कदम को ऐतिहासिक बताया है। विधेयक के पारित होने के बाद कई विश्वविद्यालयों के कुलपतियों ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक' से मंगलवार को मुलाकात की और उन्हें बधाई दी। केंद्रीय मंत्री से मुलाकात करने वालों में नई दिल्ली के राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के कुलपति परमेश्वर नारायण शास्त्री और लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय विद्यापीठ के कुलपति प्रो. रमेश कुमार पाण्डेय शामिल रहे।
केंद्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय विधेयक सोमवार को राज्यसभा से भी पारित हो गया। इससे पहले दिसंबर, 2019 में ही यह विधेयक लोकसभा से पारित हो चुका था। इस विधेयक के पारित होने से नई दिल्ली स्थित राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान, लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ और तिरुपति स्थित राष्ट्रीय संस्कृत विद्यापीठ को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिल जाएगा।
इससे पहले, सोमवार को मंत्री निशंक ने राज्यसभा में ने कहा था, "हमारी सरकार सभी भारतीय भाषाओं को सशक्त करने की पक्षधर है। हम प्रत्येक भारतीय भाषा के ज्ञान के भंडार का उपयोग करेंगे।" इन तीन विश्वविद्यालयों को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिलने पर उन्होंने कहा कि यदि संस्कृत सशक्त होगी तो सभी भारतीय भाषाएं भी सशक्त होंगी।
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