नई दिल्ली: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षा की फीस में हुई वृद्धि को लेकर स्टूडेंट्स के बीच फैले कन्फ्यूजन को दूर करते हुए रविवार की रात एक बयान जारी किया है। बोर्ड ने अपने बयान में यह साफ किया है कि फीस में वृद्धि सिर्फ दिल्ली के लिए नहीं बल्कि पूरे देश के लिए है। CBSE ने यह भी कहा कि उसने 5 साल के बाद फीस में वृद्धि की है। पहले ऐसी खबर थी कि सामान्य कैटिगरी की फीस 750 रुपये से 1500 रुपये और अनुसूचित जाति/जनजाति के लिए 50 रुपये से 1200 रुपये कर दी गई है।
बोर्ड ने कहा, सबकी फीस बढ़ाई
बोर्ड ने कहा कि CBSE की फीस हर जगह एक समान है और इससे संबद्ध सभी स्कूलों में छात्रों की सभी श्रेणियों के लिए यह बढ़ोतरी की गई है। CBSE के बयान के मुताबिक, 'भारत में CBSE से मान्यता प्राप्त विद्यालयों के सभी वर्ग के छात्रों की फीस बढ़ाई गई है। सभी विद्यार्थीयों को पहले 750 रुपये बतौर फीस देते थे और अब उन्हें 1500 रुपये देने होंगे। दृष्टि बाधित स्टूडेंट्स से कोई फीस नहीं वसूली जाएगी।'
दिल्ली के अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थयों को मिली थी छूट बोर्ड ने यह भी साफ किया है कि अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों को सिर्फ दिल्ली में छूट मिल रही थी। CBSE ने बताया कि विशेष व्यवस्था के तहत दिल्ली के अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग से आने वाले विद्यार्थियों के लिए फीस 350 रुपये तय की गई थी जिसमें 300 रुपये दिल्ली सरकार और 50 रुपये विद्यार्थी जमा करते थे। दिल्ली के सामान्य वर्ग के विद्यार्थी देश के बाकी विद्यार्थियों की तरह 750 रुपये फीस देते थे, जिन्हें अब 1500 रुपये देने होंगे।
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