CBSE Admission 2020 new rule change: स्कूलों में 9वीं और 11वीं क्लास में एडमिशन अमूमन आसान होता है। बोर्ड से ठीक एक साल पहले अपनी सुविधा के हिसाब से किसी स्कूल में एडमिशन लेना छात्रों की आम प्रैक्टिस रही है लेकिन अब यह आसान नहीं होने वाला। केंद्रीय माध्यमिक बोर्ड (सीबीएससी) से मान्यता प्राप्त किसी भी स्कूल में इन क्लासेज में एडमिशन के लिए बोर्ड ने नए निर्देश जारी किए हैं। इसे बोर्ड ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर (एसओपी) नाम दिया है।
क्या है एसओपी
सीबीएससी ने एक सर्कुलर जारी करते हुए बताया है कि 9वीं और 11वीं में पढ़ते हुए अलग-अलग कारणों को आधार बनाकर स्टूडेंट्स स्कूल बदलते हैं। कई बार देखा गया है कि शैक्षणिक सत्र के आखिर में भी छात्र स्कूल बदलने का आग्रह करते हैं। इससे उनकी पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ता है. परीक्षा में उनके प्रदर्शन पर भी असर होता है। इसलिए बोर्ड ने एसओपीा बनाया है। इस एसओपी में अलग-अलग श्रेणियां बनाई गई हैं। श्रेणियों में स्कूल बदलने के अलग-अलग कारणों को बांटा गया है। स्कूल बदलने के कारणों की कुल 11 श्रेणियां बनाई गई हैं। हर श्रेणी के तहत स्कूल बदलने के लिए जरूरी प्रक्रियाएं बताई गई हैं, जिन्हें पूरा किए बिना आप स्कूल नहीं बदल पाएंगे।
बता दें कि बोर्ड ने यह भी कहा है कि स्कूल को 9वीं और 11वीं में किसी छात्र को दाखिला देने के लिए निर्देश के अनुसार सभी जरूरी दस्तावेज बताए गए फॉर्मेट में एक बार में ही सीबीएससी को भेजने होंगे। इसके बादी कोई रिक्वेस्ट किसी भी परिस्थिति में नहीं मानी जाएगी. अगर कोई छात्र शैक्षणिक सत्र 2019-20 में कक्षा 9वीं या 11वीं में स्कूल बदलना चाहता है, तो उसे बोर्ड द्वारा बताई गई तारीख तक दाखिले की प्रक्रिया पूरी करनी होगी. इस संबंध में बोर्ड ने सूचना जारी की है।
2019-20 सत्र में एडमिशन का कब है मौका
इसके अनुसार एसओपी की श्रेणी 4 से 10 तक के तहत स्कूल बदलने के लिए अभ्यर्थियों को 15 अगस्त 2019 तक दाखिला लेना होगा। इस तारीख तक बोर्ड द्वारा कोई एक्शन नहीं होगा, न ही कोई प्रोसेसिंग फीस लगेगी. हालांकि स्टूडेंट्स को 30 सितंबर 2019 तक दाखिले का मौका मिलेगा। लेकिन 16 अगस्त से 30 सितंबर के बीच दाखिला लेने पर सभी केस स्कूल द्वारा पहले बोर्ड के क्षेत्रीय कार्यालय में भेजे जाएंगे. प्रति स्टूडेंट एक हजार रुपए प्रोसेसिंग फीस भी देनी होगी।
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