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Hindi News एजुकेशन न्‍यूज Career In Rural Management: ग्रामीण प्रबंधन में भी है अच्‍छा भविष्‍य, शुरुआती पैकेज होता है 4-5 लाख रुपए से शुरू

Career In Rural Management: ग्रामीण प्रबंधन में भी है अच्‍छा भविष्‍य, शुरुआती पैकेज होता है 4-5 लाख रुपए से शुरू

अगर आप ग्रामीण विकास में योगदान के साथ ही अपना करियर बनाना चाहते है तो आपके लिए रूरल मैनेजमेंट की फील्ड बेहतरीन साबित हो सकती है।

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Career In Rural Management: अगर आप ग्रामीण विकास में योगदान के साथ ही अपना करियर बनाना चाहते है तो आपके लिए रूरल मैनेजमेंट की फील्ड बेहतरीन साबित हो सकती है। हमारे देश की 70 प्रतिशत आबादी गावों में रहती है, जब गावों में इतनी ज्यादा संख्या में लोग रहते है तो यहां करियर की कई बेहतरीन संभावनाएं भी उपलब्ध है। दरअसल हमारे देश की जीडीपी में ग्रामीण क्षेत्रों का 50 प्रतिशत योगदान है।

वहीं विकास दर की बात करें तो साल 2000 के बाद से ग्रामीण भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रही जबकि शहरी इलाकों की विकास दर सिर्फ 4.2 प्रतिशत ही रही। इस विकास दर के मामलों में देखा जाए तो ग्रामीण भारत का तेजी से विकास हो रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक और आर्थिक विकास की रफ्तार बढ़ाने के लिए रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की भारी मांग है। 

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रूरल मैनेजमेंट में न सिर्फ बेहतरीन पैकेज दिया जा रहा है बल्कि रोजगार की अपार संभावनाओं के चलते युवा इस करियर में अपनी किस्मत आजमा रहे है। इस फील्ड में शुरूआती तौर पर एक ग्रेजुएट को 4 - 5 लाख का पैकेज या इससे ज्यादा मिल सकता है। वहीं टॉप संस्थानों से रूरल मैनेजमेंट का कोर्स करने वाले प्रोफेशनल्स को 6 - 8 लाख रूपये सालाना का पैकेज मिलता है। अगर आप भी ग्रामीण विकास में अपना योगदान देने के साथ ही करियर बनाना चाहते है तो आइये जानते है इस फील्ड से जुड़े करियर के बारे में।
  
आइये जानते है रूरल मैनेजमेंट में करियर के बारे में (Career In Rural Management)-  रूरल मैनेजमेंट क्या है? ग्रामीण क्षेत्र के विकास के लिए रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की जरूरत पड़ती है। इसके अंतर्गत ग्रामीण विकास के कार्यक्रमों को सही ढंग से लागू करने की जिम्मेदारी रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल्स की होती है। गांवों से शहरों की तरफ लगातार हो रहे पलायन की वजह से ग्रामीण भारत की अर्थव्यवस्था में बदलाव आ रहे है। ऐसे लोगों के लिए रोजगार की संभावनाएं उपलब्ध कराने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र के सामाजिक और आर्थिक विकास में वैज्ञानिक तरीके से योगदान देना एक रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल का काम होता है।   

रूरल मैनेजमेंट में करियर की संभावनाएं- रूरल मैनेजमेंट की फील्ड में कई अवसर उपलब्ध है। ऐसी कई सरकारी और निजी क्षेत्र की कंपनियां है जो मैनेजर, कंसल्टेंट, एनालिस्ट या रिसर्चर के रूप में रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल को जॉब देती है। इसके अलावा रूरल कॉपरेटिव सेक्टर, एग्री बिजनेस, फूड एंड एग्रीकल्चर मार्केंटिग आदि में भी रूरल मैनेजर्स के लिए कई अवसर मौजूद है।

रूरल मैनेजमेंट वर्क प्रोफाइल- एक रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल को रूरल मैनेजर के रूप में काम करना होता है। ये लोग ग्रामीण विकास परियोजनाओं की तैयारी, उनका क्रियन्वयन और विकास को बेहतर बनाने के लिए काम करते है। इन लोगों के ऊपर ग्रामीण इलाकों में विकास के कार्य को गति देने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है। ये लोग ग्रामीण क्षेत्रों में फर्म या कंपनी के मैनेजमेंट के साथ प्लानिंग, बजट, मार्केट एनालिसिस जैसे काम करते है। 


रूरल मैनेजमेंट में कोर्स करने के लिए जरूरी योग्यता- अगर आप रूरल मैनेजमेंट में कोर्स करना चाहते है तो आप बैचलर डिग्री के बाद इस फील्ड से जुड़े कोर्स कर सकते है। किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन करने वाले छात्र रूरल मैनेजमेंट के मास्टर और पीजी डिप्लोमा कोर्सेस में एडमिशन ले सकते है। रूरल मैनेजमेंट के कोर्स में प्रवेश के लिए एंट्रेंस एग्जाम देना होता है। कॉमन एडमिशन टेस्ट के स्कोर के आधार पर कई सरकारी और प्राइवेट संस्थानों में प्रवेश लिया जा सकता है। 

रूरल मैनेजमेंट से जुड़े प्रमुख कोर्स- -

  1. रूरल मैनेजमेंट में एमबीए 
  2. मास्टर ऑफ रूरल डेवलपमेंट मैनेजमेंट
  3. बिजनेस डेवलपमेंट मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा 
  4. रूरल मैनेजमेंट में पीजी डिप्लोमा 
  5. रूरल मार्केटिंग में पीजी डिप्लोमा 
  6. बैचलर ऑफ रूरल टेक्नोलॉजी एंड मैनेजमेंट 

रूरल मैनेजमेंट में फेलो प्रोग्राम कोर्स करने के बाद यहां मिलेगी नौकरी- रूरल मैनेजमेंट में कोर्स करने के बाद छात्रों के लिए कई अवसर मौजूद है। कई सरकारी विकास एजेंसियां, गैर-सरकारी संगठन, कॉर्पोरेट सेक्टर की सामाजिक विकास यूनिट, राज्य संसाधन केंद्र आदि में आसानी से जॉब मिल सकती है। इसके अलावा छात्र फ्रीलासिंग या पार्ट टाइम के रूप में समाज सेवा करके भी अच्छा पैसा कमा सकते है। ऐसे हजारों एनजीओ है जो ग्रामीण विकास के लिए काम करते है ये लोग रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल को अच्छे पैकेज के साथ नौकरी पर रखते है। इन एनजीओ में रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल को ट्रेनर, रिसर्चर, कंसल्टेंट, प्रोजेक्ट को-ऑर्डिनेटर, प्रोजेक्ट डायरेक्टर आदि के रूप में काम मिलता है। इसके अलावा कई अंतर्राष्ट्रीय एनजीओ और संयुक्त राष्ट्र की विकास एजेंसियां है जो रूरल मैनेजमेंट प्रोफेशनल को जॉब देती है। अगर आप चाहें तो खुद का एनजीओ शुरू करके भी अच्छा करियर बना सकते है। 

रूरल मैनेजमेंट के प्रमुख संस्थान- -इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, आणंद, गुजरात -जेवियर इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल सर्विसेज, रांची, झारखंड -इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल मैनेजमेंट, जयपुर, राजस्थान -महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ, बनारस, उत्तर प्रदेश -इंदिरा गांधी नेशनल ओपन यूनिवर्सिटी, नई दिल्ली -टाटा इंस्टीट्यूट 

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