नई दिल्ली। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद(एबीवीपी) ने महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में अंतिम वर्ष की परीक्षाओं को आगे बढ़ाने का सुझाव दिया है और कहा है कि प्रमोशन पॉलिसी की जगह परीक्षा और मूल्यांकन जरूरी है। एबीवीपी ने शैक्षिक समुदाय से विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखकर निर्णय लेने की मांग की है। एबीवीपी ने कहा है कि जहां मूल्यांकन की विभिन्न पद्धतियों द्वारा आंकलन संभव नहीं हो, परीक्षाओं को टाल देना ही विद्यार्थियों और शिक्षा के स्तर से श्रेष्ठ है। इसके लिए आगामी सत्र की अवधि सहित पाठ्यक्रम को भी कम करने का निर्णय लिया जा सकता है।
एबीवीपी की राष्ट्रीय महामंत्री निधि त्रिपाठी ने जारी एक बयान में कहा कि "शिक्षा के व्यापक लक्ष्यों और विद्यार्थियों को डिग्री देने के विषय में गुणवत्ता को ध्यान में रखकर ही निर्णय लेना चाहिए। नीट एवं जेईई प्रवेश परीक्षा संबधी निर्णय से आगामी सत्र नवम्बर 2020 में प्रारम्भ होगा। इसी अनुरूप महाविद्यालयों को कोरोना जनित परिस्थितियों के सामान्य होने के पश्चात ही मूल्यांकन कर आगे की दिशा में देखना होगा।"
उन्होंने कहा कि एबीवीपी आगामी दिनों में भी विद्यार्थियों में प्रवेश संबंधी उठने वाले सवालों के प्रति पूर्णत: सजग होकर 'ठीक करेंगे तीन काम प्रवेश, परीक्षा और परिणाम' को लेकर संकल्पित है।
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