नई दिल्ली। उत्तरी दिल्ली नगर निगम में कार्यरत 8000 शिक्षकों को अपने 3 महीने के बकाया तनख्वाह का इंतजार है। जिसकी वजह से कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाया जा चुका है। वहीं आज गृह मंत्री अमित शाह को भी इस मुद्दे पर पत्र लिखा गया है। नगर निगम शिक्षक संघ के महासचिव रामनिवास सोलंकी ने बताया, "आज हमने गृह मंत्री अमित शाह को भी पत्र लिखकर मदद मांगी है, जिसमें हमने कहा है कि, सभी शिक्षक कोरोना महामारी में लगातार 12 -12 घंटे काम कर रहे हैं और इस महामारी में गरीबों को सुखा राशन बाटने का भी काम कर रहें है। साथ ही प्रवासी मजदूरों की भी मदद कर रहें है वहीं चिकित्सा उपचार केंद्रों में भी लगातार कार्य कर रहें है।"
उन्होंने कहा, "कोरोना महामारी में आगे आकर हम वायरस के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे है। देश की सर्वोच्च अदालत केवल डॉक्टरों और स्वास्थ्य कर्मियों को वेतन देने के लिए निर्देश दे रहा है। लेकिन शिक्षकों को नजर अंदाज भी कर रहा है। जबकि शिक्षक भी अग्रिम पंक्ति में कोरोना योद्धा के रूप में कार्य कर रहे है।"
उन्होंने बताया, "पत्र में लिखा है कि 'शिक्षकों को मार्च-अप्रैल, मई का वेतन नहीं मिला है, जबकि जून का महीना भी समाप्त हो रहा है। सातवें वेतन आयोग का एरियर पिछले 4 वर्षों से नहीं मिला है। एरियर के बिलों का भुगतान पिछले 10 वर्षों से नहीं किया गया है। बिलों का भुगतान नहीं हो रहा है। बच्चों के शिक्षक भर्ती के बिलों का भुगतान पिछले 5 वर्षों से बकाया है। मेडिकल बिलों का भुगतान पिछले कई सालों से नहीं हुआ है। जब कोई अध्यापक या परिवार के सदस्य बीमार हो जाता है, तो हमारे पास इलाज के लिए भी पैसे नहीं होते, उधार लेकर इलाज कराते हैं। मगर विभाग से मेडिकल बिलों का भुगतान नहीं होता।"
दरअसल वेतन नहीं मिलने पर शिक्षकों में निराशा का माहौल है। 15 जून को कैट के आदेश के बाद निगम शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी थी। क्योंकि कैट ने उत्तरी निगम को आदेश दिया था कि 15 दिन के अंदर सभी 8000 शिक्षकों और सेवानिवृत्त कर्मियों को 3 माह का बकाया वेतन और पेंशन दें। वहीं 18 जून को हाईकोर्ट ने भी नार्थ एमसीडी को निर्देश दिये और एक हफ्ते के अंदर सभी शिक्षकों की तनख्वाह देने के लिये कहा था।
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