नई दिल्ली। देश के सभी छात्रों के लिए एक लाइब्रेरी तैयार की गई है। इस लाइब्रेरी की खासियत यह है कि इसमें प्राथमिक शिक्षा से लेकर कानून, मेडिकल और इंजीनियरिंग जैसे विषय भी शामिल किए गए हैं। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा तैयार की गई 'नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी' में साढ़े चार करोड़ से अधिक पाठ्य संसाधन उपलब्ध कराए गए हैं।
केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने 'नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी' के विषय में जानकारी देते हुए कहा, "यह एक लाइब्रेरी पूरे देश के छात्रों के लिए है। यह पोर्टल प्राइमरी से लेकर पोस्ट ग्रेजुएट लेवल तक सभी विषयों को कवर करता है। उदाहरण के तौर पर इसमें सोशल साइंस, लिटरेचर, कानून, मेडिकल आदि सभी विषय कवर किए गए हैं।"
केंद्रीय मंत्री निशंक ने इस पर अधिक जानकारी देते हुए कहा 'नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी' में उपलब्ध कराए गए तथ्य विभिन्न क्षेत्रीय भाषाओं में भी उपलब्ध हैं।सभी कक्षाओं एवं वर्गों के छात्रों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए बनाई गई नेशनल डिजिटल लाइब्रेरी में अभी तक 4 करोड़ 60 लाख पाठ्य संसाधन डिजिटाइजेशन के माध्यम से उपलब्ध कराए जा चुके हैं।
इस डिजिटल लाइब्रेरी की एक बड़ी खासियत इसकी पाठ्य सामग्री की विविधता है। प्रत्येक राज्य के छात्र अपनी बोली भाषा में यहां पुस्तकों का अध्ययन कर सकते हैं।पीएचडी और एमफिल व अन्य उच्च शिक्षण संस्थानों के छात्र लॉकडाउन से सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। हालांकि अब ऐसे छात्रों को हजारों जर्नल और लाखों पुस्तकें ऑनलाइन उपलब्ध हो सकेंगी। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने स्वीकार किया कि शोध कर रहे छात्रों के लिए लाइब्रेरी आवश्यक है।
लेकिन लॉकडाउन के दौरान यह संभव नहीं है। इसलिए अब उच्च शिक्षा हासिल कर रहे छात्रों को एक अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म शोध सिंधु के माध्यम से भी आनलाइन पुस्तकें मुहैया कराई जा रहीं हैं। यह कदम इसलिए उठाया गया है, ताकि शोध कर रहे छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शोध सामग्री मिल सके। इसके जरिये मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा ई-प्लेटफार्म के माध्यम से छात्र को 10,000 राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय जर्नल और 31 लाख 35 हजार पुस्तकों उपलब्ध कराई गई हैं।
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